Raksha Bandhan 2023: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन मानने को लेकर इस बार लोगों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर किस दिन भाई की कलाई पर राखी की पवित्र डोर बाँधी जाए। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष ‘रक्षाबंधन‘ का त्यौहार ‘श्रावण मास की पूर्णिमा’ तिथि को मनाया जाता है। लेकिन इस बीच देखना जरुरी होता है, भद्रा रहित काल। तभी जाकर भाई-बहनों के आपसी प्रेम के इस पवित्र त्यौहार को मनाया जाता है।
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का यह त्यौहार समूचे भारतवर्ष में धूमधाम के साथ मनाया जाता है और बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर भाई की लंबी उम्र की कामना करती है, तो वहीं भाई भी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, रक्षाबंधन के पावन पर्व का उल्लेख महाभारत काल से देखने को मिलता है। लेकिन जैसा कि सभी जानते हैं कि, ‘भद्रा काल ‘ में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इसलिए राखी बांधने के दौरान भद्रा काल को देखना आवश्यक माना जाता है।
यह भी पढ़ें: भाई-बहन के पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन को मानने के पीछे प्रचलित हैं ये 5 कहानियां
शास्त्रों के अनुसार ‘रक्षाबंधन ‘ का त्योहार हमेशा बिना भद्रा काल में मनाना शुभ होता है। अगर रक्षाबंधन के दिन भद्रा रहे तो इस दौरान राखी नहीं बांधनी चाहिए। वहीँ इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा काल रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 अगस्त को सुबह श्रावण पूर्णिमा तिथि के साथ यानी 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा काल शुरू हो जाएगा, जो कि 30 अगस्त की रात्रि को 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। यानि कि भद्रा का प्रभाव सुबह 10 बजे से शुरू होगा और रात्रि 9 बजे तक रहेगा। जैसा की भद्रा हमेशा तीनों लोकों में विचरण करती है और सभी जगह उसका अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है, तो इस दिन भी, यानि की रक्षाबंधन के दिन भद्रा पृथ्वी लोक में विचरण करेगी जिस कारण से भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं होगा । इसलिए आपको भद्रा काल समाप्त होने के तपश्चात ही राखी बांधनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: आखिर क्या है भद्रा, क्यों नहीं बांधी जाती इस मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी ? जानें पूरी कहानी
रक्षाबंधन 2023 की पूर्णिमा तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष श्रावण मॉस के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 30 अगस्त 2023 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगी। जबकि पूर्णिमा तिथि का समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 5 मिनट पर होगा। लेकिन 30 अगस्त को भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दिन में नहीं है। इसलिए 30 अगस्त की रात में 9 बजे के बाद भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक है और इस समय में भद्रा काल नहीं है। ऐसे में 31 अगस्त को सुबह 7 बजे तक बहनें भाई को राखी बांध सकती हैं।