IAF: उत्तराखंड के सपूत को भारतीय वायुसेना में अहम पद का दायित्व मिला है। टिहरी जिले के धारमंडल पट्टी के नेल्डा गांव निवासी एयर मार्शल विजयपाल सिंह राणा एयर ऑफिसर इंचार्ज एडमिनिस्ट्रेशन बने हैं। वह वायु सेना प्रमुख के मुख्य सलाहकार भी हैं। इससे पहले वह भारतीय वायुसेना में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दे चुके हैं। एयर मार्शल पद पर पहुंचने वाले राणा उत्तराखंड के दूसरे वायु सेना अधिकारी हैं।
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मूल रूप से नेल्डा गांव निवासी एयर मार्शल विजयपाल सिंह राणा ने अपने चार दशक से देश सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में वायु सेना में डायरेक्टर जनरल एडमिनिस्ट्रेशन, असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ, सीनियर एयर अफसर इन चार्ज एडमिनिस्ट्रेशन, कमांडेंट एयर फोर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कॉलेज, प्रिंसिपल डायरेक्टर एयर फोर्स वर्कस जैसे महत्वपूर्ण पदों को संभाला है। 21 दिसंबर 1984 को वह भारतीय वायु सेना में भर्ती हुए।
विजयपाल सिंह राणा ने कारगिल युद्ध और आपरेशन पराक्रम के दौरान बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमे वह फाइटर कंट्रोलर और राडार यूनिट के कमांडिंग अफसर के रूप में तैनात थे। वर्ष 1995 में उन्हें वायु सेना प्रमुख से प्रशंसापत्र, 2015 में राष्ट्रपति से विशिष्ट सेवा पदक मिला।
वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेस स्टाफ कॉलेज से कोर्स किया और फिर बाद में वहीं बतौर इंस्ट्रक्टर कार्य किया। जांबिया के स्टाफ कॉलेज में इंस्ट्रक्टर और वहां के मिलिट्री एडवाइजर के तौर पर भी उनकी तैनाती हुई। अब वह वायु सेना के प्रशासनिक विंग के प्रमुख बने गए हैं। उन्होंने एक फरवरी को पदभार संभाला है।
उनका परिवार दिल्ली में रहता है। उनके पिता स्व. कुंदन सिंह राणा वन रेंजर थे और माता बचना देवी गृहणी हैं। जबकि छोटे भाई अजयपाल राणा टिहरी वन विभाग में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं। प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डा. महेश कुड़ियाल उनके सहपाठी रहे हैं।
विजयपाल सिंह राणा एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी के अलावा बेहतर पर्वतारोही और विभिन्न खेलों में वायु सेना स्तर के खिलाड़ी भी रहे हैं। उन्होंने एनआईएम उत्तरकाशी से पर्वतारोहण की ट्रेनिंग भी ली है। उनकी साहित्य में भी बहुत रुचि रखते हैं। उनकी कई रचनाओं का विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशन भी हुआ है।
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