Char Dham road project में सड़क चौड़ीकरण के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट्स के ऊपर याचिकाकर्ताओं को अपनी प्रतिक्रियाएं देने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक उच्च स्तरीय समिति इस परियोजना की निगरानी कर रही है।
केन्द्र ने एक हलफनामे में शीर्ष अदालत से उच्चस्तरीय समिति के 21 सदस्यों की बहुमत रिपोर्ट को स्वीकार करने का आग्रह किया है, जिसमें सामरिक व रणनीतिक दृष्टि से सेना के भारी भरकम मशीनों हेतु सड़क की चौड़ाई 10 मीटर तक बढ़ाने के साथ दो लेन सड़क की सिफारिश की गयी है।
इससे पहले समिति ने 15-16 दिसंबर को सड़क चौड़ीकरण के मुद्दे पर चर्चा की, और 31 दिसंबर को अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। केंद्र के अनुसार, समिति के अध्यक्ष रवि चोपड़ा सहित तीन सदस्यों द्वारा 5.5 मीटर की चौड़ाई पर जोर दिया गया, जिसका उल्लेख सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी 23 मार्च, 2018 के पहले के परिपत्र में किया गया था।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवर को सुप्रीम कोर्ट से उच्च-स्तरीय समिति के बहुमत के दृष्टिकोण को स्वीकार करने का आग्रह किया है। उच्च स्तरीय समिति के 21 सदस्यों ने सड़क की चौड़ाई को 10 मीटर तक बढ़ाये जाने पर सहमति जताई थी। इस परियोजना की लंबाई लगभग 900 किमी और लागत 12,000 करोड़ रुपये है।
मंत्रालय ने अपने हलफनामे में बताया है कि कोर्ट द्वारा नियुक्त उच्च स्तरीय समिति के 26 में से 21 सदस्य भारत-चीन सीमा सेना के वाहन, टैंक, स्व-चालित तोपखाने आदि की आवाजाही को आसान बनाने और स्थानीय लोगों के लिए बेहतर सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के पक्ष में हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को हलफनामे पर जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत जनवरी के आखिरी सप्ताह में सुनवाई करेगी। इससे पूर्व पर्यावरणीय सुरक्षा को देखते हुए समिति ने सड़क की चौड़ाई 5.5 मीटर ही रखने के लिए कहा था।
900 किलोमीटर लंबी चारधाम राजमार्ग परियोजना उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को सभी मौसम की कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
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