चारधाम विकास परियोजना के तहत, बद्रीनाथ और गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने के लिए रुद्रप्रयाग में 902 मीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी। 200 करोड़ से बनने वाली इस सुरंग के लिए केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने जमीन के हस्तांतरण की अनुमति दे दी है। सुरंग का निर्माण एक साल के भीतर शुरू होने की उम्मीद है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीआरओ -66 आरसीसी गौचर कमांड ऑफिसर नागेंद्र कुमार ने कहा कि बीआरओ ने इसकी डीपीआर तैयार कर दे चुका है। यह सुरंग पीडब्ल्यूडी प्रांतीय डिवीजन कार्यालय से आगे जवाड़ी बाईपास से सटे पहाड़ पर बनाई जाएगी। इसका दूसरा छोर रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर बेलणी में आबादी क्षेत्र से कुछ आगे होगा। यहां सुरंग को ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए अलकनंदा नदी पर 190 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा।
इस सुरंग के निर्माण से जिला मुख्यालय, बेलणी पुल और मुख्य बाजार में केदारनाथ तिराहा पर लगने वाले जाम से स्थानीय लोगों और यात्रियों को निजात मिलेगी। साथ ही नदी के दोनों किनारों पर बसे गाँवों के लोगों राजमार्ग तक आसानी से पहुंच सकेंगे। दक्षिण कोरिया की योगमा इंजीनियरिंग और भारत की फीडबैक इंट्रा कंपनी ने दो साल पहले संयुक्त रूप से टनल होल बोरहोल सर्वेक्षण किया था।
बीआरओ -66 आरसीसी गौचर ने रुद्रप्रयाग में आबादी क्षेत्र के बाहर बद्रीनाथ और गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने के लिए 2008-09 में सुरंग निर्माण का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। अध्ययन और विशेषज्ञों की राय के बाद, केंद्र ने 2011-12 में सुरंग के सर्वेक्षण को मंजूरी दी। इसके बाद, वर्ष 2015-16 में तीन चरणों में सर्वेक्षण पूरा किया गया।
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