देवभूमि की बेटी ने एक बार फिर उत्तराखंड के साथ-साथ भारत का नाम रोशन किया है। स्मिता देवरानी (Smita Devrani) का चयन भारतीय सेना में मेजर जनरल के पद पर हो गया है। वह भारतीय सेना में उत्तराखंड की प्रथम महिला मेजर जनरल बन गयी हैं। प्रदेश के लिए यह बेहद गौरवशाली पल है। पहाड़ की बेटियां सेना में शामिल होकर सरहदों की हिफाजत के साथ सेना और देश दोनों का मान बढ़ा रही हैं।
भारतीय सेना में मेजर जनरल बनी स्मिता देवरानी (Smita Devrani) पौड़ी गढ़वाल के बहुत छोटे गांव में जन्मी है। वह यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के डुंडेख गांव की रहने वाली है। भारतीय सेना में उनकी गौरवशाली उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें ब्रिगेडियर पद से पदोन्नत कर मेजर जनरल का पद दिया गया। उनकी एक बहन भी भारतीय सेना में ब्रिगेडियर पद पर तैनात है।
इसके अलावा डुंडेक गांव का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है। इस गांव ने देश को कई आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, डॉक्टर आदि दिए हैं, जो वर्तमान में इन बड़े पदों पर आसीन हैं। विभिन्न प्रकार की विपरीत परिस्थितियों से निकल कर इस गाँव के लोगों ने देश तथा उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।
स्मिता देवरानी के दादा जी प्रख्यात लेखक श्री भोला दत्त देवरानी हैं, जिन्होंने ‘मलेथा की कूल’ नामक प्रसिद्ध किताब लिखी थी। बेटी का मुकाम देख कर पिता शंभू प्रसाद देवरानी का सीना एक बार फिर गर्व से चौड़ा हो गया है। पहाड़ के एक छोटे से गांव से निकल कर स्मिता यहां की बेटियों की रोल बन गयी है। उनकी बहन भी सेना में अफसर है।
वैसे तो उत्तराखंड को वीरों की भूमि कहा जाता है, जहां के लोग चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, मेजर जनरल, थल सेनाध्यक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैसे बड़े पदों पर रहे हैं। अब पहाड़ की बेटियां सेना में शामिल होकर सरहदों की हिफाजत के साथ सेना और देश दोनों का मान बढ़ा रही हैं।