Nanda devi : भारत की दूसरीऔर उत्तराखंड की सबसे ऊंची चोटी नंदादेवी के वन क्षेत्र और वन्य जीवों की सुरक्षा का जिम्मा पहली बार महिला जांबाजों को सौंपा गया है। उत्तराखंड वन विभाग की महिला दरोगा ममता कनवासी, दुर्गा सती और वन आरक्षी रोशनी को पहली बार गस्त में शामिल होने का मौका मिला है। नंदा देवी के दुर्गम वन क्षेत्र में तैनात इन महिलाओं ने अपने दृढ़ हौसलें और साहस की दुनिया के सामने एक बेहतरीन मिसाल पेश की है।
विकट भौगोलिक परिस्थितियाँ होने के कारण अभी तक नंदादेवी बायोस्फेयर क्षेत्र में वन और वन्य जीवों की सुरक्षा में पुरुष वन दरोगा और वन आरक्षी ही मुस्तैद रहते थे, लेकिन नंदादेवी बायोस्फेयर के प्रभारी निदेशक अमित कंवर की पहल पर इस वर्ष पहली बार यह जिम्मा महिला वन दरोगा व वन आरक्षियों को भी सौंपा गया है| बीते एक जून को वन विभाग की एक टीम लाता खर्क, भेंटा, धरसी और सैनी खर्क गयी थी | टीम में मौजूद 12 सदस्यों में पहली बार तीन महिलाएं भी शामिल हुईं, जिनमें वन दरोगा ममता कनवासी, दुर्गा सती और वन आरक्षी रोशनी शामिल थीं|
यह पहली बार है जब महिला वन रक्षकों को 14500 फीट की ऊंचाई पर पेट्रोलिंग ब्रिगेड में शामिल किया गया है, इससे पहले महिला वनरक्षक 11500 फीट की ऊंचाई तक ही पेट्रोलिंग करती थी।
नंदादेवी बायोस्फेयर की रेंज अधिकारी चेतना कांडपाल के निर्देशन में महिला वन दरोगा व वन आरक्षियों को लंबी दूरी की गश्त के लिए तैयार किया गया था। वन विभाग की टीम के साथ महिला वन अधिकारियों ने लगभग 60 किलोमीटर की पैदल दूरी तय की थी। गस्त में शामिल वन दरोगा ममता कनवासी के अनुसार 14,500 फीट की ऊंचाई पर आप कोई भी जोखिम मोल नहीं ले सकते हैं। लिहाजा उन्होंने कई महीने तक ट्रैकिंग का अभ्यास किया था।
नंदा देवी वन क्षेत्र में विषम परिस्थितियों में तैनात इन महिलाओं ने साबित कर दिया की महिलाएं आज पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। बात सीमा पर देश के लिए मर मिटने की हो ,फाइटर प्लेन चलाने की हो या फिर मिशन मंगल की, महिलाएं हर क्षेत्र में चुनौतियों से निखर कर सामने आ रही हैं।
Written By: Akhilesh Rawat