आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर केदारनाथ धाम के कपाट पूरे विधि विधान के साथ खोल दिए गए हैं। कपाट खुलने के समय धाम में पुजारी समेत 16 लोग उपस्थित थे। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद मंदिर में पहली ‘रुद्राभिषेक पूजा’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की कराई गई है। बता दें कि इससे पहले अक्षय तृतीया पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद पहली पूजा PM मोदी के नाम से कराई गई थी।
कोरोना महामारी के चलते इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब बाबा केदार की उत्सव डोली यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव किया गया और डोली को एक दिन पहले ही सीधा केदारनाथ धाम पहुँचा दिया गया। बता दें कि इस बार कपाट खुलने के दौरान श्रद्धालुओं की मौजूदगी नहीं रही।
बाबा केदारनाथ की डोली को उखीमठ से गौरीकुंड तक गाड़ी से लाया गया। यह दूसरा मौका था जब डोली को आधे से ज्यादा रास्ते गाड़ी में लाया गया। इससे पहले देश में इमरजेंसी के वक्त ऐसा किया गया था।
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “आज पूरे विधि विधान के साथ 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं। आपका मनोरथ पूर्ण हो, बाबा केदार का आशीष सभी पर बना रहे, ऐसी मैं बाबा केदारनाथ जी से कामना करता हूं। बाबा से प्रार्थना है कि समस्त मानवता की कोरोना से रक्षा करें।”
आज पूरे विधि विधान के साथ 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं। आपका मनोरथ पूर्ण हो, बाबा केदार का आशीष सभी पर बना रहे, ऐसी मैं बाबा केदारनाथ जी से कामना करता हूं। बाबा से प्रार्थना है कि समस्त मानवता की कोरोना से रक्षा करें। pic.twitter.com/CWAXECDDvl
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) April 29, 2020
अभी चारधाम यात्रा तय नहीं
कोरोना की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन का असर चारधाम यात्रा पर भी देखने को मिलेगा। यात्रा होगी या नहीं, इस पर फैसला अब तक नहीं हो सका है। वहीं कपाट के खुलने को लेकर भी विवाद था और सरकार ने कपाट खुलने की तिथि को आगे बढ़ाने को भी कहा था। लेकिन रावल और हकहकूकधारियों की एक बैठक में पहले से तय तारीख पर ही पट खोलने का फैसला लिया गया। वहीं, बद्रीनाथ के कपाट पहले जहां 30 अप्रैल को खुलने थे, जिसे सरकार द्वारा अब बदलकर 15 मई कर दिया गया है।