Janmashtami:उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वाल के ढिकाल गांव में 4 साल की मासूम की मौत के बाद से सन्नाटा पसरा हुआ है। जन्माष्टमी (Janmashtami) के पावन पर्व जहां पूरे प्रदेश में उत्सव का माहौल देखने को मिला, तो वहीं ढिकाल इकलौता ऐसा गांव बना जहां 40 परिवारों ने खुशी मनाने के बजाय आंसू बिखेरे और नंदलला की पूजा करने के बजाय उनसे विनती मांगी कि ऐसा दुःखों का पहाड़ किसी के भी परिवार पर न टूटे।
गुलदार ने मासूम को बनाया अपना निवाला
दरअसल, बीते 5 सितंबर को उत्तराखंड के पौड़ी विकासखंड खिर्सू के ढिकाल गांव निवासी गणेश सिंह की 4 वर्षीय मासूम पुत्री आयशा अपनी दादी कमला देवी का हाथ पकड़कर घर के आंगन में खड़ी थी। इसी दौरान घात लगाए गुलदार ने आयशा पर हमला कर दिया। दादी कमला देवी ने गुलदार की पकड़ से मासूम नातिन को छुड़ाने का काफी प्रयास किया, लेकिन गले में गहरा जख्म होने के चलते मासूम आयशा की मौत हो गई। इस घटना के केवल 3 दिन बाद गांव में यह पहली जन्माष्टमी थी, लेकिन सदमे में डूबे परिजन और ग्रामीणों ने किसी भी तरह का कोई आयोजन नहीं किया।
ढिकाल गांव के उप प्रधान मोहन सिंह नेगी ने बताया, आयसा पूरे गांव की लाडली थी। हमने अपने परिवार का सबसे प्यारा बच्चा खोया है। उसे गए 3 दिन हो गए हैं, लेकिन आज भी हमारी आंखों के सामने हमारी फूल सी बच्ची आयशा गांव की पगडंडियों और आंगन में अठखेलियां करती नजर आती है। ग्रामीणों ने कहा कि, उस दिन की घटना याद आते ही रूह कांप जाती और मन में गुस्सा फूट पड़ता है। आयशा सबकी लाड़ली थी और भला कोई बेटी को खोने के बाद कैसे त्योहार मना सकता है। ग्रामीणों ने सरकार से लोगों की वन्य जीवों से सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना न हो।
वहीं गुलदार प्रभावित ढिकाल गांव व उसके आसपास के इलाकों में बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में 8 व 9 सितंबर को अवकाश घोषित किया गया है। जिनमें राजकीय प्राथमिक विद्यालय ढिकाल गांव व खोला, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सौडू व खोला शामिल हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी अवकाश रहेगा जिलाधिकारी पौड़ी डाॅ. आशीष चौहान ने बताया कि, ढिकाल गांव में बीती 5 सितंबर को 4 साल बच्ची पर गुलदार ने हमला किया था।