International Literacy Day: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, आखिर साक्षर होना कितना जरूरी

International Literacy Day: पूरे विश्व में शिक्षा के महत्व को दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रत्येक साल 8 सितंबर को ‘विश्व साक्षरता दिवस’ (International literacy day) मनाया जाता है। देश और समाज के लिए शिक्षा बहुत जरूरी होती है। साक्षरता का अर्थ है, शिक्षित होना अर्थात् पढने और लिखने की क्षमता से संपन्न होना। जिस देश ने सभ्यता और ज्ञान को अपनाया है, उसका विकास अनोखी गति से हुआ है और इतिहास इस बात का साक्षी है।

आज के समय में और आने वाले भविष्य में शिक्षा से कोई भी वंचित न रहे इस उद्देश्य को सफल बनाने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ (International literacy day) पूरे विश्व में मनाया जाता है। साक्षरता का अभिप्राय साक्षर (शब्दों का ज्ञान) होने से ही है। यानी की जो व्यक्ति किसी भाषा को पढ़ सकता है, या लिख सकता और उसे याद कर सकता है, वह साक्षर कहलाता है। लेकिन आज के इस डिजिटल युग में साक्षरता की परिभाषा बदल गई है। अब साक्षर वह व्यक्ति नहीं हैं, जो केवल किसी भाषा को लिख या पढ़ सकता हैं। बल्कि साक्षर वो व्यक्ति हैं, जिसे आज के डिजिटल युग के बारे में भी ज्ञान है। जो व्यक्ति टैक्नोलॉजी के साथ अपने को बदल रहा है, वह आज के इस युग में सक्षम और साक्षार है। 

International Literacy Day: साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य

विश्व साक्षरता दिवस’ का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में साक्षरता को बढ़ावा देना है। इस दिन को मनाने के माध्यम से, विश्व साक्षरता और शिक्षा के महत्व को जागरूक किया जाता है। साथ ही इस दिन को मनाने के उपलक्ष्य से साक्षरता के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई प्रकार की योजनाएँ और क्रियान्वयन कार्यक्रमों की शुरुआत की जाती है। ताकि विश्व के हर कोने में रह रहा व्यक्ति शिक्षा ग्रहण कर अपने अधिकारों का फायदा उठा सकें। वहीं देश में पढ़े लिखें नागरिक होने से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होने के साथ समानता, लोकतंत्र और शांति को बढ़ावा मिलता है।

International Literacy Day: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्या है और कब मनाया जाता है?

साक्षरता वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है। इसका सामाजिक एवं आर्थिक विकास से गहरा संबंध है। विश्व में शिक्षा के महत्व को दर्शाने और  निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य से विश्व साक्षरता दिवस की शुरुआत की गई थी । विश्व साक्षरता दिवस को ‘संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन’ (UNESCO) ने 17 नवंबर, 1965 के दिन यह फैसला लिया गया था कि, “प्रत्येक वर्ष 8 सि‍तंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप मे मनाया जाएगा”। तब से अभी तक 8 सितंबर को यह दिवस मनाया जा रहा है। जिसको बढ़ावा देने के लिए विश्व के सभी  देशों में अलग-अलग प्रयास किए जा रहें हैं। 

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस सर्वप्रथम किस वर्ष मनाया गया :International Literacy Day

शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 17 नवंबर,1965  में शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने एक पहल शुरू कर दी थी। लेकिन उसके बाद विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस सर्वप्रथम 8 सितंबर, 1966 में विश्व भर में मनाया गया।  यानी की 1966 का वह पहला दिन था जिस दिन पूरे विश्व ने शिक्षा को महत्वा दी थी। 

भारत की साक्षरता दर कितनी है ?

आपके लिए यह भी जानना जरूरी है की भारत की साक्षरता दर  वर्तमान समय में कितनी है? खासकर यदि आप भारतीय है तो- पिछले चार दशकों में भारत की साक्षरता दर में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। ‘भारतीय राष्ट्रीय सर्वेक्षण’ (Survey Of India) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है। 2011 में साक्षरता दर 73% थी। पिछली जनगणना के आंकड़ों की तुलना में 4% की वृद्धि हुई है। यह अन्य विकासशील देशों की तुलना में बहुत प्रभावशाली है, लेकिन इसका अभी भी मतलब है कि लगभग 4 में से 1 भारतीय पढ़ने या लिखने में असमर्थ है (दुनिया भर में 8 में से एक व्यक्ति की तुलना में)।

वहीं अगर वर्तमान में (2023) भारत में महिला साक्षरता दर की अगर बात की जाएं तो, देश की महिला साक्षरता दर (64.46 प्रतिशत)। जबकि भारत की पुरुष साक्षरता दर 84.7% है। 

International Literacy Day: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2023 की थीम

दुनिया भर में साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए UNESCO द्वारा एक नया विषय (Theme) घोषित किया जाता है, जिसके आधार पर दुनिया भर में International Literacy Day मनाया जाता है। इस साल UNESCO ने ‘विश्व साक्षरता दिवस 2023‘ (International Literacy Day 2023) की थीम “परिवर्तनशील दुनिया के लिए साक्षरता को बढ़ावा देना: टिकाऊ और शांतिपूर्ण समाजों की नींव का निर्माण करना’ (Promoting literacy for a world in transition: Building the foundation for sustainable and peaceful societies’)” है। वहीं बीतें साल 2022 में विश्व साक्षरता दिवस की थीम “साक्षरता सीखने की जगह को बदलना” (transforming literacy learning spaces) थी।

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