Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से तबाही के मंजर हैं। प्रदेश मंडी, शिमला, कुल्लू, जिला सिरमौर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में हजार से अधिक सड़कें बंद हैं। वहीं, पोंग बांध से पानी छोड़े जाने से कांगड़ा जिला बाढ़ की मार झेल रहा है। जहां अभी तक 1000 से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।
हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश में बार-बार भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। बता दें, बीते 4 दिनों से हो रही बारिश से 71 लोगों की मौत हो चुकी है और प्रदेश को करोड़ों का नुकसान हुआ है। वहीं प्रदेश के अधिकतर जिले बाढ़ की चपेट में है। पोंग बांध से पानी छोड़े जाने से कांगड़ा जिला बाढ़ की मार झेल रहा है। जिला प्रशासन, सेना और भारतीय वायुसेना मिलकर राहत-बचाव का कार्य कर रही है।
वहीं अभी तक वायु सेना ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में 1000 से ज्यादा लोगों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि, पश्चिमी वायु कमान के हेलिकॉप्टरों ने पिछले 72 घंटों में 1000 से ज्यादा नागरिकों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बचाया गया है। वहीं आज भी 220 से अधिक नागरिकों को सफलतापूर्वक बचाने के बाद, पश्चिमी वायु कमान के हेलीकॉप्टरों द्वारा ऑपरेशन फिलहाल पूरा कर लिया गया है।
इससे पहले बुधवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था। उन्होंने पोंग जलाशय की बाढ़ग्रस्त निचली धारा में चल रहे निकासी प्रयासों और अन्य राहत कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने डमटाल और शेखपुरा में राहत शिविरों में लोगों से बातचीत करते हुए उनका कुशलक्षेम पूछा और उन्हें सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।