Nainital: हिमालय की गोद में बसा नैनीताल शहर उत्तराखंड का एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है, जो की अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता और “झीलों के शहर” के नाम से प्रसिद्ध है। नैनीताल अंग्रेजों के समय से ही एक लोकप्रिय हिल स्टेशन रहा है, गर्मियों के दौरान वे अकसर यहां समय बिताने के लिए आते थे। इसकी झलक आज भी यहां मॉल रोड़ और औपनिवेशिक शैली के बंगलों में नजर आती है।
माना जाता है कि 1,938 मीटर की ऊंचाई स्थित नैनीताल शहर में कभी 60 झीलें हुआ करती थीं। इन सब झीलों में सबसे मुख्य नैनी झील है, जिसके चारों तरफ यह खूबसूरत हिलस्टेशन बसा हुआ है। तो चलिए आज जानते हैं, नैनीताल की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जिनके बिना आपका यहां का सफर अधूरा रह जाएगा।
इको केव गार्डन (Eco Cave Garden)
Eco cave garden झूलते बगीचों एवं संगीतमय फव्वारों के लिए फेमस 6 छोटी गुफाओं का इंटीग्रेट नेटवर्क है, जिन्हें जानवरों के आकार में बनाया गया है।
अंदर जाते ही आपके गुफाओं का एक चेन नजर आता है, यहां आपको अलग-अलग तरह के पहाड़ और पत्थर मिलेंगे। कुछ गुफाएं तो इतनी छोटी हैं की आपको रेंग कर जाना पड़ेगा। शाम के समय इस गार्डन में मौजूद म्यूजिकल फाउंटेन का नजारा देखते ही बनता है।यह गार्डन नैनीताल के मुख्य बस टर्मिनल से 3.7 किलोमीटर दूरी पर है।

नैनी झील (Naini Lake)
चारों तरफ से पहाड़ों से घिरी नैनी झील उत्तराखंड की सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक है। यहां आप यैचिंग (पाल नौकायन), रोइंग, पैडलिंग (नौकायन) जैसी एडवेंचर एक्टिवी का मजा ले सकते हैं। नैनी झील काफी लंबी है, इसका उत्तरी भाग ‘मल्ली ताल’ और दक्षिणी भाग ‘तल्ली ताल’ कहते हैं। नैनिताल में ये अकेली ऐसी झील है, जिस पर एक पुल और एक डाक घर भी है। नैनी झील को माता सती के 51 शक्तिपीठो में एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है, जहाँ माता सती के नैन (या आँख) गिरे थे।

मॉल रोड़ (Mall Road)
मॉल रोड़ नैनीताल की एक प्रसिद्ध सड़क का नाम है, जो मल्लीताल को तल्लीताल से जोड़ता है। इसका नाम अब बदलकर पं गोविंद बल्लभ मार्ग रख दिया है। नैनीताल में मॉल रोड़ पर टूरिस्ट टहलना काफ़ी पसंद करते हैं। इस वजह से शाम के समय इस सडक पर ट्रेफिक को भी बंद किया जाता है, ताकि पर्यटक आराम से टहल सकें।
यह सड़क नैनिताल में टूरिस्ट स्पॉट होने के साथ- साथ व्यवसायिक केंद्र भी है। शहर के ज्यादातर होटल, रेस्टोरेंट और कैफे इसी सडक पर बने हैं। यहां आपको उत्तराखण्डी संस्कृति व पारंपरिक स्वादिष्ट खाने का मिश्रण जरूर देखने को मिलेगा। अगर आप मॉल रोड़ जाएं तो झील के दूसरी तरफ बनी ‘ठंडी सड़क’ पर टहलने जरूर जाएं, यह तुलनात्मक रूप से कम व्यस्त रहती है। यह सडक मुख्य रूप से टहलने के काम आती है तथा यहां पर किसी भी तरह की गाडी नहीं चलती है।

नैना पीक (Naina/China Peak)
अगर आप नैनीताल शहर का बर्ड आई व्यू देखना चाहते हैं, तो नैना पीक या चीना पीक से बेहतर जगह आपको नहीं मिलेगी। यह चोटी समुद्र तल से 2611 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यह पीक नैनीताल शहर की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है।
यह चोटी नैनीताल शहर से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस पर्वत की चोटी से पर पहुंचने के बाद आपको जहां एक तरफ नैनीताल शहर का खूबसूरत नजारा दिखने को मिलता है तो वहीं दूसरी ओर पश्चिम में बर्फ से लकदक बंदरपूंछ चोटी से लेकर पूर्व में नेपाल के अपि एवं नरी चोटी तक का व्यापक दृश्य दिखाई देता है।
नैनीताल शहर के मल्लीताल से पैदल ट्रेकिंग करते हुए अथवा घोडे पर सवार होके नैना पीक पहुंचा जा सकता है। नैनापीक जाने हेतु घोडे बारापत्तथर अथवा स्नो व्यू से मिलते हैं।

भीमताल (Bhimtal)
नैनीताल से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भीमताल झील एक प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट है। समुद्र तल से 1,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस झील का नाम पांच पांडवों में से एक भीम के नाम पर रखा गया है।
47 एकड़ में फैली हुई यह झील अपने हरे-नीले पानी और चारों तरफ फैली हरियाली से सबको मंत्रमुग्ध करती है। सर्दियों के दौरान, यहां कई प्रवासी पक्षी दिखाई देते हैं। इस झील को अच्छे तरीके से देखने के लिए आप नाव पर सवार होकर खूबसूरत नजरों का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां झील के बीच में एक छोटा सा टापू है, जहां एक रेस्टोरेंट, मंदिर और एक मछलीघर है, जहां विभिन्न प्रकार की मछली प्रजातियों को रखा गया है।

नैना देवी मंदिर
नैनीतल में स्थिति खूबसूरत नैनी झील के उत्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर है, जो एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है। यह भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है। मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं।
नैना देवी मंदिर का वर्णन पौराणिक कथाओं में मिलता है, जब भगवान शिव सती के मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रहे थे, तब जहां-जहां उनके शरीर के अंग गिरे वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई। यहां नैनी झील में देवी सती के नैन गिरे थे, इसी वजह इस शक्तिपीठ को नैना देवी मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। नैना देवी मंदिर नैनीताल बस स्टैंड से 2.5 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां आप रिक्शे से मंदिर में सिर्फ 10 मिनट में पंहुच सकते हैं।

स्नो व्यू प्वाइंट (Snow view point)
अगर आप नैनीताल मैं बर्फ से लकदक हिमालय की चोटियों के दर्शन करना चाहते हैं, तो स्नो व्यू प्वाइंट जाना ना भूलें। यह पहुंचना शहर की आसपास की चोटियों की तुलना में ज्यादा आसान है। वहां आप सडक मार्ग या फिर रोप- वे से भी जा सकते हैं। रोप-वे से जाने का बस फायदा यह होता है कि आप शहर के खूबसूरत नजरों का मजा लेते हुए स्नो व्यू प्वाइंट पहुंच सकते हैं। स्नो व्यू प्वाइंट नैनीताल शहर से मात्र 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां से नंदा देवी चोटी, नंदा कोट चोटी और त्रिशूल पर्वत का मनमोहक नजारा दिखने को मिलता है। इस पहाडी पर एक मंदिर भी बनाया गया है।

नैनीताल चिड़ियाघर (Naintal Zoo)
नैनीताल के शेर का डांडा नामक पहाड़ी पर स्थित गोविंद बल्लभ पंत हाई एल्टीट्यूड चिड़ियाघर (Nainital Zoo) एक टूरिस्ट हॉट-स्पॉट है। 11 एकड़ में फैला इस चिड़ियाघर में बहुत सारे लुप्त प्राय पशु-पक्षी मौजूद हैं, जिन्हें दिखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। यह चिड़ियाघर सोमवार और सभी राष्ट्रीय अवकाशों पर बंद रहता है।

टिफिन टॉप (Tiffin Top)
नैनीताल शहर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टिफिन टॉप यहां का एक खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट है। इस जगह को ‘डोरोथी की सीट’ के नाम से भी जाना जाता है। यहां से नैनीताल के आसपास की पहाड़ियों के साथ-साथ पूरे क्षेत्र का सहज खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। बलूत, देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरे टिफिन टॉप से नैना देवी चोटी का भव्य दृश्य देखा जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि टिफ़िन टॉप को इसका यह नाम मिला क्योंकि स्थानीय लोग दोपहर के भोजन के लिए पहाड़ी की चोटी पर ट्रैक किया करते थे।
