Yamuna: लॉकडाउन के बीते दिनों में पूरी दुनियाभर से हमें प्रकृति के कई नए रूप देखने को मिले हैं, या फिर यूं कहें प्रकृति का असली स्वरूप देखने को मिला है। देशभर में वाहनों का चलना ना के बराबर हो गया है और फैक्टरियां भी बंद हो गयी है, ऐसे में पानी से लेकर हवा तक के प्रदूषण में भारी कमी नजर आयी है। ये कमी सिर्फ तस्वीरों में ही नहीं बल्कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ो में भी नजर आयी है। DPCC (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी) की रिपोर्ट के अनुसार, यमुना के पानी में अलग-अलग स्थानों पर प्रदूषण में लगभग 40 फीसदी तक की कमी देखी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली के वज़ीराबाद गांव में लोग पिछले कुछ दिनों से यमुना के पानी का पीने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि अब नदी का पानी एकदम साफ हो चुका है। वहीं वजीराबाद गांव के रहने वाले पंडित लालू अमर उजाला को बताते हैं कि पिछले 30 सालों में उन्होंने यमुना को कभी इतना साफ नहीं देखा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के अनुसार यमुना के पानी की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। DPCC की रिपोर्ट के अनुसार, यमुना नदी के पानी में पिछले साल के अप्रैल महीने की तुलना में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो अपने आप में एक बड़ी बात है। DPCC ने बताया कि औद्योगिक कचरे के बंद होने से और पानी के बहाव की वजह से नदी काफी हद तक स्वच्छ है, हालांकि नदी का पानी अब भी मानकों पर खरा नहीं उतरता क्योंकि नदी में घरेलू नालों का पानी जा ही रहा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अप्रैल महीने की शुरुआत में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (DPCC) को लॉकडाउन के दौरान यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता जांचने को कहा था।
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Yamuna पहले और अब:
वहीं इंस्टाग्राम पर एक यूजर अभिनव शाह ने यमुना की पहले और अब की तस्वीरें शेयर की है। दोनों तस्वीरें नई दिल्ली के ओखला बैराज से ली गयी है। पहली तस्वीर 07 नवंबर 2016 की है, जब यमुना नदी प्रदूषण के कारण सफेद झाग की परत से ढकी हुई है। दूसरी तस्वीर लॉकडाउन के दौरान 14 अप्रैल 2020 को ली गई है। दोनों तस्वीरों में प्रदूषण में अंतर साफ नजर आ रहा है।