देश में लोकर डाउन के चलते जहां लोग घरों के अंदर बंद है, वहीं बाहर प्रकृति ने अपने असली रंग दिखाना शुरू कर दिए हैं। देश का अलग-अलग कोनों में इसका उदाहरण देखने को मिल रहा है। पंजाब के जालंधर से 20 सालों में पहली बार हिमाचल की धौलाधार रेंज दिखती है, तो दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में यमुना का पानी स्वच्छ नजर आता है। इसी बीच उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश में भी गंगा का पानी एकदम साफ नजर आ रहा है। तीर्थ नगरी ऋषिकेश में भी फरवरी महीने की तुलना में प्रदूषण में 50 फ़ीसदी कमी आई है।
गंगा नदी को साफ करने के लिए ना जाने कितने करोड़ों रुपए और दर्जनों परियोजनाएं बीते दशकों में बहा दी मगर कभी वो नतीजा सामने नहीं आ पाया जो लॉकडाउन के इन 20 दिनों में नजर आ रहा है। हरिद्वार में गंगा नदी का पानी इतना साफ है कि नदी के नीचे की सतह बिल्कुल स्पष्ट दिख रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरण वैज्ञानिक और गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर बीडी जोशी ने बताया कि बहुत समय बाद हरिद्वार में गंगा नदी का पानी आचमन योग्य हुआ है।
लॉकडाउन के दौरान गंगा का पानी कितना साफ हुआ है ये देखने के लिए उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) ने देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक गंगा के पानी का सैंपल लेने का काम शुरू कर दिया है। इन सैंपल का रिजल्ट सामने आने के बाद ही पता चल पाएगा कि गंगा के पानी में कितने फीसदी सुधार हुआ है।