Rupa Praveen Rao : देश में चल रहे कोरोना संकट के बीच डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों की टीमें अग्रिम पंक्ति में खड़ी हैं और संक्रमण के शिकार लोगों की जान बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में, डॉक्टर और नर्स 12-12 घंटे से अधिक ड्यूटी कर रहे हैं।
इसके साथ, कई दिन बीत रहे हैं और वो अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। इस सब के बीच, कर्नाटक के शिवमोग्गा में एक अस्पताल में काम करने वाली एक नर्स ने मानवता की मिसाल पेश की है। हर कोई नर्स के साहस, लगन और जुनून को सलाम कर रहा है। दरअसल, यह महिला नर्स कुछ ही दिनों में मां बनने वाली है, इसके बावजूद वह संक्रमित रोगियों की दिन-रात देखभाल करने में लगी है।
Rupa Praveen Rao : गर्भावस्था के 9 वें महीने में काम कर रही हैं
रूपा प्रवीण राव नाम की एक महिला ( नर्स ) जल्द ही मां बनने वाली है, लेकिन गर्भावस्था के 9 वें महीने में भी वह मरीजों की सेवा में लगी हुई है। रूपा प्रवीण राव गजानुरु गाँव में रहती हैं और 9 महीने की गर्भवती हैं। वह जयचमाराजेंद्र सरकारी अस्पताल में नर्स है। वह अपने मरीजों का इलाज करने के लिए रोज तीर्थहल्ली तालुक जाती हैं।
वह रोजाना 6 घंटे काम करती है
एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए, रूपा ने कहा, “तालुक अस्पताल कई गांवों से घिरा हुआ है और लोगों को हमारी ज़रूरत है।” मेरे सीनियर्स ने मुझे छुट्टी लेने के लिए कहा था लेकिन मैं लोगों की मदद करना चाहती हूं। मैं रोजाना 6 घंटे की शिफ्ट में काम करती हूं। रूपा ने यह भी कहा कि “मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी उन्हें फोन किया था और उनके समर्पण भाव की सराहना की थी। उन्हें आराम करने का भी सुझाव दिया गया था।”
Rupa Praveen Rao Video :
रूपा जैसी देश में कई नर्सें हैं, जो नर्स के पेशे को सिर्फ काम नहीं बल्कि अपनी जिम्मेदारी समझती हैं। WeUttarakhand Media ऐसी ही नर्सों को सलाम करता है, जो आत्मविश्वास से लबरेज होकर लोगों की जिंदगी में उम्मीद की किरण भरती हैं।
अगर आपके आसपास भी ऐसे ही फ्रंटलाइन वॉरियर्स हों तो उनकी प्रेरणा दायक कहानी हम तक पहुंचाएं।