कोरोना महामारी ने जहां पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। वहीं भारत में भी इसका कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस घातक वायरस से लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हैं और हजारों की मौत हो चुकी है। विपदा की इस घड़ी में देश की अर्थव्यवस्था भी चरमराई हुई है। ऐसे में कई लोग ऐसे भी हैं जो इस मुश्किल घड़ी में आगे आकर इस महामारी से लड़ने के लिए अपनी निजी संपत्ति से जितना बन पाए उतना राहत कोष में दान कर रहे हैं। 70 वर्षीय महिला पुष्पा दुबे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना महामारी से लड़ने की लोगों की अपील से इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने अपनी जीवन भर की कमाई और जमा राशि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दी।
पुष्पा दुबे ने पीएम राहत कोष में 1 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 लाख रुपये का दान किया। पुष्पा, जो लगभग 10 साल पहले यूपी पुलिस से इंस्पेक्टर के पद पर सेवानिवृत्त हुईं, उन्होंने एलआईसी की पॉलिसी और फिक्स्ड डिपॉजिट को तोड़कर यह राशि एकत्र की। शनिवार को उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें ड्राफ़्ट सौंपा।
लखनऊ के इंदिरा नगर की निवासी पुष्पा ने कहा कि पीएम की वैश्विक महामारी से निपटने की अपील ने उन्हें मदद करने के लिए प्रेरित किया था। एकाकी जीवन जीने वाली पुष्पा ने कहा कि उनकी आखिरी पोस्टिंग सचिवालय और सीआईडी मुख्यालय में थी। परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी न देते हुए कहा कि वह अपने घर में रहती है। उन्हें मिलने वाली पेंशन उनकी आजीविका के लिए पर्याप्त है। उन्होंने बताया कि उनके पिता केडी दुबे का बचपन में ही निधन हो गया था। उनकी मां ने संघर्ष किया और शिक्षा दी। इटावा और पीलीभीत में परवरिश के दौरान, उन्होंने एमएससी की पढ़ाई की और पुलिस विभाग में नौकरी कर ली।