विश्व स्वास्थ्य दिवस: गर्व है आप पर डॉक्टर! पहले कोरोना से लड़ने ड्यूटी पहुंचे फिर किया मां का अंतिम संस्कार

Coronavirus India: Dr Ashok Das goes for duty, despite losing his mother

विश्व स्वास्थ्य दिवस: दुनियाभर में कोरोना महामारी का कहर है। सभी देश इस महामारी को हराने के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हैं। पूरा देश लॉकडाउन है मगर डॉक्टर, हॉस्पिटल स्टाफ और पुलिस प्रशासन हमारी सुरक्षा के लिए 24 घंटे तैनात है। इसी बीच कुछ दिनों पहले उड़ीसा के एक डॉक्टर ने मानवता का बड़ा उदाहरण पेश किया। उन्होंने ये साबित कर दिखाया कि मुश्किल की इस घड़ी में देशप्रेम और अपने कर्तव्य से बढ़कर कुछ नहीं है।

ये कहानी है, उड़ीसा के संबलपुर जिले के डॉक्टर अशोक दास की। जिन्हें जिले में कोरोना वायरस के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।

17 मार्च की सुबह डॉ अशोक ने अपनी 80 वर्षीय मां को खो दिया। उनके लिए ये एक मुश्किल की घड़ी थी। डॉक्टर ने अपने कर्तव्य को आगे रखते हुए घर से ड्यूटी के लिए निकल गए। इसके बाद वे जिले में कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित बैठकों में भी गए। उन्होंने अपना दुःख लोगों के सामने झलकने नहीं दिया और अपनी ड्यूटी का अच्छे से निर्वहन किया। फिर शाम को घर पहुंचकर उन्होंने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया।

डॉ अशोक ने बताया, इस मुश्किल घड़ी में व्यक्तिगत छुट्टी से ज्यादा जरूरी अपनी ड्यूटी निभाना है।

वहीं दूसरी और उड़ीसा के ही IAS अधिकारी निकुंज धल ने भी अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण भाव का उदाहरण पेश किया। वे अपने पिता के निधन के 24 घंटे के अंदर काम पर लौट आए।

WeUttarakhnd ऐसे नायकों को सैल्युट करता है।

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