खेत जैसा नजर आता है वो मैदान जिस पर कभी वर्ल्ड कप का मैच हुआ था। पटना के मोइनुल हक स्टेडियम(Moin-ul-Haq Stadium), जो विश्व कप के मैचों सहित चार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का गवाह बना है, कोरोना काल के दौरान अपनी बदहाली की दास्ताँ बयां कर रहा है। लॉक डाउन की वजह से स्टेडियम पिछले छह महीने से बंद है। 1996 में जिंबाब्वे और केन्या के बीच हुए विश्व कप क्रिकेट मैच के दौरान जिस आउटफील्ड की तारीफ सुनील गावस्कर, माइकल होल्डिंग और नवाब पटौदी जैसे सितारों ने की थी, वहां दो फीट ऊंची घास उग आई है। ये मैदान बिल्कुल एक खेत की तरह दिखता है। दर्शकों के लिए बनाई गई गैलरी भी जर्जर हालत में है। दोनों पवेलियन की हालत भी बदतर हो रखी है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक और मैनुअल स्कोर बोर्ड का सिर्फ ढांचा ही बचा हुआ है।
मोइनुल हक स्टेडियम के प्रबंधक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा, “मोइनुल हक स्टेडियम की ऐसी स्थिति कोरोना वायरस महामारी के कारण हुए लॉकडाउन और अत्यधिक बारिश के कारण हुई है। दोनों समस्याओं से छुटकारा पाने के बाद, स्टेडियम की मरम्मत का कार्य शुरू किया जायेगा। “