Electricity production: उत्तराखंड में इन दिनों भारी बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदियां अपने जल स्तर से काफी ऊपर बह रही हैं। जहां एक ओर भारी बरसात नुकसान लेकर आती है , वहीं प्रदेश सरकार अब वर्षा के जल को उपयोग में ला कर बिजली उत्पादन करने कोशिश कर रही है।
वर्षा जल से बनेगी बिजली
उत्तराखंड में वर्षा जल से बिजली बनाने की योजना बनायीं गयी है । इसे सरल बनाने के लिए राज्य सरकार पंप स्टोरेज नीति बनाने की तैयारी में है। प्रसिद्ध जिंदल समूह ने इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए उत्तराखंड के चार जिलों में सर्वेक्षण किया है। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार ने भी प्रदेश में वर्षा जल आधारित बिजली उत्पादन की क्षमता का आकलन करने के लिए अपने स्तर से सर्वेक्षण की छूट दी है।
पाइपलाइन में अटके है कई प्रोजेक्ट
उत्तराखंड में ‘जलविद्युत परियोजनाओं’ से जुड़े कई प्रोजेक्ट अभी भी पाइपलाइन में हैं । जिनको पूरा करने की कवायदें अभी परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। जिसके बीच अलकनंदा और उसकी सहायक नदियों पर 21 जल विद्युत परियोजनाओं के संबंध में पीएमओ के जबाब का इंतजार किया जा रहा हैं। वहीं अब वर्षा जल से बिजली उत्पादन के लिए पंप भंडारण योजना एक सफल विकल्प के रूप में आ सकता है, जिसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई है।
इन चार जिलों में हुआ सर्वें
केंद्र सरकार से बड़े स्तर पर सर्वेक्षण की अनुमति के अलावा भी राज्य के चार जिलों देहरादून, नैनीताल, अल्मोडा और चंपावत में एक सर्वेक्षण किया गया है। जिंदल समूह को केंद्र सरकार द्वारा 40 गीगावॉट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा दिया है। सरकार अब पंप स्टोरेज नीति को तैयार करने की तैयारी में है।
इस तरह होगा बिजली उत्पादन
बिजली उत्पादन के लिए वर्षा के जल को दो स्तर के अलग-अलग जगहों पर जमा किया जाएगा। निचले स्तर से जल को सुरक्षा के साथ ऊपरी स्टोरेज तक पंप किया जाएगा। इसके बाद, पानी को वापस निचले स्टोरेज में पंप किया जाएगा, जिससे टरबाइन के उपयोग से बिजली पैदा की जाएगी।
एमडी, यूजेवीएनएल ‘संदीप सिंघल’ के अनुसार ”पंप स्टोरेज प्लांट के लिए राज्य में जो भी सर्वे हुआ है, उसके तहत पॉलिसी बनने के बाद फिजिबिलिटी चेक की जाएगी। केंद्र ने इस दिशा में काफी सरल नियम बनाए हैं। भविष्य में बारिश के पानी से बिजली उत्पादन अच्छा विकल्प बन सकेगा।”
वहीं ऊर्जा सचिव ‘मीनाक्षी सुंदरम’ ने बताया कि ”प्रदेश में पंप स्टोरेज प्लांट से बिजली उत्पादन की दिशा में कवायद की जा रही है। इसके लिए केंद्र के नियमों के तहत पॉलिसी बनाई जाएगी। इसी पॉलिसी के अंतर्गत राज्य में इन प्लांट की स्थापना की जाएगी।”