Hill stations in uttarakhand: हिल स्टेशन उत्तराखंड की सुंदरता को बढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ते, अब आप मसूरी, नैनीताल जैसी पहाड़ी जगहों को ही देख लीजिए, खूबसूरती के मामले में ऐसे स्थानों का कोई मुकाबला नहीं है। धामी सरकार भी लगातार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। जिसको लेकर सरकार अब नए हिल स्टेशन बनाने की कवायद शुरू कर रही है।
उत्तराखंड सरकार गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में एक-एक हिल स्टेशन विकसित करेगी। जिसके निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अफसरों को स्थल चयन करने के लिए दिए है। नए हिल स्टेशन बनाने के पीछे सरकार की मंशा पर्यटकों को उत्तराखंड के अन्य खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट से रूबरू कराने के साथ-साथ पलायन को रोकना है । साथ ही सरकार इन हिल स्टेशनों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अच्छे अवसर भी प्रदान कराना चाहती है। मुख्यमंत्री ने सचिव ‘शैलेश बगोली’ और ‘विनय शंकर पांडेय’ को दोनों मंडलों के पर्वतीय क्षेत्रों में एक-एक ऐसे स्थल चयनित करने के निर्देश दिए हैं, जहां हिल स्टेशन विकसित करने की संभावनाएं हैं।
ब्रिटिश काल से नही बना नया हिल स्टेशन
उत्तराखंड देश में फैले लुभावने और खूबसूरत हिल स्टेशनों से एक अलग पहचान रखता है, लेकिन ब्रिटिश काल के बाद अभी तक उत्तराखंड में एक भी नए हिल स्टेशन का निर्माण नहीं हुआ है। वर्तमान में सभी हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की संख्या का दबाव रहता है। वहीं इन स्टेशनों पर इतना स्थान भी नही बचा है कि सरकार इनको और अधिक विकसित कर इनका सौन्द्रीयकरण कर सके।
देहरादून में एडमिन सिटी के लिए चर्चाएं तेज
प्रदेश सरकार देहरादून के रायपुर में एडमिन सिटी बनाने के लिए भी प्रयासरत है। आवास विभाग इसके लिए शहर के उत्तर में रायपुर से थानो रोड, दक्षिण में रायपुर से मुख्य हरिद्वार रोड़ तक, पश्चिम में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की सीमा को छोड़ते हुए हरिद्वार रोड़ तक, पूरब में दूनघाटी महायोजना के भोपालपानी, बड़ासीग्रांट, काली माटी गांव की सीमा तय कर चुका है। वहीं वर्त्तमान में इसे फ्रीज जोन घोषित कर मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।