Aditya-L1: चंद्रयान 3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बडा ऐलान किया। मून मिशन के बाद ISRO ने अपने नए सन मिशन के लॉन्च की घोषणा की। देशवासी भी इस मिशन की लॉन्चिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बता दें, इस से पूर्व ISRO ने अपने चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।
चंद्रयान-3 की चांद के साउथ पोल पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल 1 को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। जिसके लिए ISRO ने 2 सितंबर, 2023 का दिन चुना है। ISRO ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी देते हुए बताया कि, सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर, 2023 को 11:50 बजे IST श्रीहरिकोटा से निर्धारित है। भारतीय नागरिकों को यहां पंजीकरण करके श्रीहरिकोटा में लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च देखने के लिए आमंत्रित किया गया है।
🚀PSLV-C57/🛰️Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) August 28, 2023
The launch of Aditya-L1,
the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is scheduled for
🗓️September 2, 2023, at
🕛11:50 Hrs. IST from Sriharikota.
Citizens are invited to witness the launch from the Launch View Gallery at… pic.twitter.com/bjhM5mZNrx
आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष-आधारित भारतीय मिशन होगा। वहीं भारत चंद्रयान 3 को चांद की दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराने वाला विश्व का पहला देश है।
आदित्य एल1 का उद्देश्य (Aditya-L1)
इस अंतरिक्ष यान को सूर्य की बाहरी परतों (कोरोना) और सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु (L1) पर सौर वायु के यथास्थिति ऑब्जर्वेशन के लिए तैयार किया गया है। एल1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। यह सूर्य के ऑब्जर्वेशन के लिए पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा। आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है।
चंद्रयान-3
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा 14 जुलाई को चंद्रयान–3 मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। जो कि 23 अगस्त को अपनी 40 दिनों की सफल यात्रा के बाद चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड हुआ। भारतीय समयनुसार 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 ने लैंड होकर इतिहास रचा। इस मिशन की सफलता ने भारत के 140 करोड़ लोगों का सर गर्व से ऊँचा कर दिया, क्योंकि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन चुका है।