प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए रविवार को 9 बजे 9 मिनट तक घरों की लाइट बंद करके दीया, टॉर्च, मोमबत्ती जलाने की अपील की है। लेकिन पीएम की इस अपील के बाद कई जानकारों ने इस पर कई सवाल खड़े कर दिए। कुछ लोग ऐसी आशंका जता रहे हैं कि इससे पावर ग्रिड क्रैश हो सकता है। हालांकि, ऊर्जा मंत्रालय ने इस आशंका को सिरे से खारिज किया है।
विशेषज्ञों का कहना है यदि नौ मिनट के लिए पूरे देश के सभी घरों की लाइट एक साथ बंद कर दी तो पूरे ग्रिड की फ्रीक्वेंसी पर असर होगा। इसका मतलब यह है कि 50 हर्ट्स से ज्यादा का जेनरेटिंग सिस्टम ट्रिप कर सकता है। वर्तमान में पूरे भारत में ग्रिड फ्रीक्वेंसी 50 हर्ट्स है। न्यूनतम 48.5 हर्ट्स और अधिकतम 51.5 हर्ट्स तक के वेरिएशन को ग्रिड रीस्टोर कर लेता है परंतु इसके बाहर की फ्रीक्वेंसी पर नहीं।
इस मुद्दे पर उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने भी आस्वस्त किया है कि इस अवधि के लिए पावर ग्रिड स्थिर और मजबूत है। लेकिन ऊर्जा मंत्रालय और UPCL ने जनता से अपील की है कि सिर्फ घरों की लाइट बंद करें और बिजली से चलने वाले अन्य आवश्यक उपकरणों जैसे पंखे, टीवी, फ्रीज, एसी, कूलर आदि को चालू रखें।
UPCL प्रबन्ध निदेशक बी. सी. के. मिश्रा ने सूचना जारी कर कहा, “विद्युत मांग में इस भिन्नता को संभालने के लिए बिजली का ग्रिड स्थिर और मजबूत है।” उपभोक्ताओं से अनुरोध करते हुए उन्होंने आगे कहा, “इस अवधि के दौरान सभी अन्य विद्युत उपकरण चालू रखें तथा बिजली का मेन स्विच बंद न करें।”
जबकि आवश्यक सेवाओं से जुड़ी सभी जगहों जैसे अस्पताल, पुलिस स्टेशन, स्ट्रीट लाइट और सार्वजनिक सेवाओं आदि में बिजली सामान्य रूप से चलती रहेंगी। आप बिजली संबंधी किसी भी शिकायत के लिए UPCL के टोल फ्री नंबर 1912 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
आप को बता दें, इससे पहले जुलाई 2011 में एक बार ऐसा हो चुका है, जब पूरे भारत में ग्रिड फेल हो गया था। पश्चिमी ग्रिड को छोड़कर, भारत के बाकी हिस्से में अंधेरा हो गया था। लगभग तीन दिन तक लगातार कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति सामान्य हुई थी।