Pauri Cloudburst: पौड़ी जिले के थलीसैंण ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम रौली में देर रात बादल फटने से काफी नुकसान हो गया। 80 से ज्यादा गांवों की आवाजाही प्रभावित हो गई। जबकि एक ग्रामीण की गौशाला बहने से कई मवेशी लापता हो गए। इसके साथ ही कई मकानों को काफी नुकसान भी पंहुचा है।
उत्तराखंड में पौड़ी के थलीसैंण में गुरुवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही हुई है। थलीसैंण-पीठसैंण-बुंगीधार मोटर मार्ग पर बगवाड़ी गांव के समीप पुल के एक हिस्से का पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे चौथान पट्टी के पांच से अधिक गांवों की आवाजाही ठप हो गई है। जबकि पट्टी के 80 गांवों की आवाजाही प्रभावित हुई है। वहीं दीवारें और पिलर क्षतिग्रस्त होने से वाहनों एवं पैदल आवाजाही हेतु इस पुल को पूर्णरूप से बन्द कर दिया गया है।
देर रात बादल फटने से ग्रामीणों का काफी नुकसान हुआ। किसी के आवासीय भवन के आंगन का पुस्ता टूट गया तो किसी की गौशाला क्षतिग्रस्त हुई है। वहीं लगातार हो रही बारिश के बीच रौली गांव के पास का गदेरा उफान पर आ गया। जिसमें रौली गांव के ग्रामीण चंदन सिंह की गौशाला बह गई। ग्रामीण के अनुसार, गौशाला में दो बैल व 11 बकरियां थी। अभी सिर्फ एक बकरी बरामद हुई है। जबकि अन्य लापता हैं।
राजस्व पुलिस, लोक निर्माण विभाग बैजरों के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचकर आपदा में हुई क्षति का आंकलन करने में जुट गए हैं। उप जिलाधिकारी थलीसैण अजय वीर सिंह ने बताया कि “मौके पर प्रशासन की टीम पहुंच चुकी है। उक्त गांव में खेतों का भी कटान हुआ है, जानवरों की मृत्यु हुई है। इसके साथ ही पुल को भी नुकसान हुआ है। पूरी घटना में नुकसान का आकलन किया जा रहा है। राहत की बात ये है कि किसी तरह की किसी भी तरह से जन हानि नही हुई।”