जहां इस लॉकडाउन ने कई लोगों की नौकरी छीनी, तो वहीं कई लोगों को वापस पहाड़ों का रुख करने के लिए मजबूर कर दिया है। कई युवाओं ने इसका भरपूर फायदा भी उठाया और गांव घर में रहकर ही अपना स्वयं का काम कर दूसरों को स्वरोजगार की राह दिखा रहे हैं। वहीं, इस महामारी के दौर से बहुत पहले ही उत्तराखंड के गरुड़ के रहने वाले चंद्रशेखर पांडे ने मुंबई में मैनेजर की नौकरी छोड़ खेती कर तुलसी और जड़ी-बूटियों से बनी चाय की पांच किस्में बाजार में उतारी। उनका दावा है कि इसमें से एक चाय इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने वाली भी है।
पांडे की चाय बागेश्वर के साथ गरुड़ बाजार में भी लोगों की पसंद बन रही है। कृषि, बागवानी के क्षेत्र में चंद्रशेखर पांडे का नाम अब नया नहीं है। लगभग 26 वर्षों तक मुंबई की प्रतिष्ठित आभूषण की दुकान में काम करने वाले पांडे को पहाड़ के पलायन का दर्द वापस ले आया। 2017 में उन्होंने मुंबई में एक ज्वेलरी की दुकान में मैनेजर की नौकरी छोड़ी और अपने परिवार के साथ गाँव लौट आए।
उन्होंने अब खेती, बागवानी के साथ बाजार में तुलसी, हर्बल चाय भी उतारी है। पांडेय ने इम्यूनिटी बूस्टर टी, तुलसी-अदरख चाय, तुलसी ग्रीन टी, हर्बल टी, जड़ीबूटी से निर्मित केमू माइल टी नाम से पांच प्रोडक्ट बाजार में उतारे हैं।
वहीं लोग भी बड़े उत्साह के साथ पांडे की चाय का स्वाद ले रहे हैं। वर्तमान में, उन्होंने चाय के पांच हजार पैकेट बाजार में उतारे हैं। एक पैकेट की कीमत 40 रुपये है। पांडे बताते हैं कि एक पैकेट से 100 कप चाय बनाई जा सकती है।