Rishikesh-Karnprayag Rail Line: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर खनन सामग्री डाल सकती है विडंबना

Rishikesh-Karnprayag Rail Line: उत्तराखंड के विकास में गेम चेंजर साबित होने जा रही महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण कार्य में पर्याप्त मात्रा में खनन सामग्री उपलब्ध न होने की वजह से काम लटक सकता है। करीब 125 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में 17 मुख्य टनल का निर्माण हो रहा है। सुरंग खोदाई का 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है और वहीं अगले चार महीने में बाकि बचा कार्य भी पूरा हो जाएगा। लेकिन परियोजना की राह में आ रही चुनौतियों के देखते हुए इसमें देरी होने की संभावना है।

पर्वतीय क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से बेहद अहम ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण कार्य चल रहा है। इस रेल लाइन के बनने से प्रदेश की आर्थिक स्थिति में खासा परिवर्तन आने की संभावना है। इससे प्रदेश के पर्वतीय इलाके भी विकास की मुख्य धारा से जुड़ जाएंगे। लेकिन रेल परियोजना में पर्याप्त मात्रा में खनन सामग्री उपलब्ध न होने की वजह से तेजी से बढ़ रहा निर्माण कार्य लटक सकता है। वहीं अगले चार महीनों में परियोजना के तहत सुरंग खोदने का काम पूरा होने की संभावना है। इसके बाद के कार्य के लिए रेलवे विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को दो करोड़ मीट्रिक टन से अधिक अच्छी गुणवत्ता वाली खनन सामग्री की आवश्यकता होगी। लेकिन नदियों से खनन पर न्यायालय की रोक लगी हुई है। निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के लिए आरबीएम की आवश्यकता है। जिसके लिए निगम ने शाशन से निमार्ण कार्य के लिए आसपास के क्षेत्रों में खनन की अनुमति मांगी है।इसके तहत आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक ने सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी को पत्र लिखकर प्रकरण में सहयोग की अपील की है।

आरवीएनल मशीनों की सहायता से श्रीकोट 470520 मीट्रिक टन, कीर्तिनगर 60000 एमटी, मांगसू (कीर्तिनगर) 90,000 एमटी, श्रीनगर 58,938 एमटी, अलकनंदा नदी जनासू 66000 एमटी, बागी नदी 1,06,000 एमटी, गुलरनाला नरेंद्र नगर 1,00000 एमटी, हैवल नदी 77,000 एमटी, रायतोली गांव (रुद्रप्रयाग) 27500 एमटी, रेवाड़ी गांव (पौड़ी) 52,000 एमटी, माणी (कीर्तिनगर) 1,20444 एमटी पर खनन की अनुमति चाहता है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना को 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन निर्माण कार्य में अब इस तरह की दिक्कतों के कारण इसमें देरी होने की संभावना है। वहीं शाशन स्तर से निगम को मशीनों की सहायता से नदियों में खनन न मिलने की अनुमति से और देरी होने के आसार है।

आरवीएनएल के आधिकारिक सूत्रों का तर्क है कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है। इस निर्माण कार्य में न्यायालय के आदेश लागू नहीं होने चाहिए। राज्य सरकार को न्यायालय में देश की सबसे लंबी रेल सुरंग के कार्य के पक्ष मजबूती के साथ रखना चाहिए।

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