Rishikesh AIIMS: एम्स ऋषिकेश में आउटसोर्सिंग से तैनात B और C ग्रुप के 400 कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को अनुबंधित कंपनी ने सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस मिलते ही आउटसोर्स कर्मचारी आंदोलित हो गए हैं। बता दें, जारी नोटिस के अनुसार नर्सिंग कर्मचारी स्टाफ आगामी 31 अगस्त के बाद एम्स AIMS अस्पताल में सेवाएं नहीं दे पाएंगे।
पशुलोक-बैराज में स्थित AIMS एम्स ऋषिकेश में बृहस्पतिवार को बवाल हो गया। सेवाएं समाप्त करने के नोटिस पर गुस्साए आउटसोर्स नर्सिंग स्टाफ कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया। बता दें, एम्स ऋषिकेश में प्रिंसिपल सिक्योरिटी आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से करीब 400 से अधिक बी और सी ग्रुप के नर्सिंग स्टाफ तैनात है। बृहस्पतिवार 3 अगस्त को आउटसोर्स कंपनी ने सभी नर्सिंग कर्मियों को 31 अगस्त के बाद सेवाएं समाप्त करने का का नोटिस जारी किया। जिस पर गुस्साएं सभी आउटसोर्स नर्सिंग स्टाफ एम्स चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय के आगे धरने पर बैठ गए। लेकिन चिकित्सा अधीक्षक से बात न होने पर सभी नर्सिंग स्टाफ कर्मी कार्यकारी निदेशक प्रो. (डा.) मीनू सिंह के कार्यालय के आगे धरने पर बैठे नारेबाजी की।
ऋषिकेश एम्स में तैनात नर्सिंग स्टाफ कर्मचारियों ने कहा कि वह सालों से यहां सेवाएं दे रहे हैं। कोविड 19 में खुद की जान की परवाह किए बगैर कोविड ग्रषित लोगों की जान बचाई। अब आउटसोर्स कंपनी और एम्स प्रशासन ने उन्हें सेवाएं समाप्त करने का का नोटिस थमा दिया है।
वहीं, प्रिसिंपल आउटसोर्स कंपनी के उत्तराखंड मैनेजर चंदन कुमार मेहरा ने कहा कि “एम्स प्रशासन के नियमित नर्सिंग स्टाफ की तैनाती होने पर आउटसोर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता नहीं होगी। इसलिए नर्सिंग आउटसोर्स कर्मियों को 31 अगस्त के बाद सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है।”
वहीं हरीश थपलियाल पीआरओ एम्स ने कहा कि “सभी एम्स में नर्सिंग स्टाफ की भर्ती नर्सिंग ऑफिसर रिक्रूटमेंट कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के जरिए होती है। जिसके लिए एम्स दिल्ली को नोडल बनाया गया है। दो महीने पहले हुई भर्ती परीक्षा के जरिए एम्स ऋषिकेश को करीब 289 नर्सिंग स्टाफ मिलने हैं। एम्स में जो भी नर्सिंग स्टाफ आउटसोर्स से तैनात हैं उनकी तैनाती स्वीकृत पदों के सापेक्ष हुई है। नियमित स्टाफ मिलने पर आउटसोर्स को रखना संभव नहीं है।”