Nainital High Court: उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने एक पत्र को पी.आई. एल मानते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों व डीएफओ को राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों सहित नदियों के किनारे अतिक्रमण का जायजा लेने व अतिक्रमण हटाकर फोटो न्यायालय में भेजने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर कोर्ट में आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश में राजमार्गों और सड़कों के किनारों से सरकारी और वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। अदालत ने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) और प्रभागीय वनाधिकारियों (डीएफओ) को क्रियान्वयन की रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है। बता दें मुख्य न्यायाधीश विपिन सांधी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने दिल्ली निवासी प्रभात गांधी के एक पत्र को जनहित याचिका के रूप में लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों समेत राजकीय राजमार्गों के किनारे राजस्व या वन भूमि में अतिक्रमण कर बैठे लोगों को हटाने के निर्देश दिये हैं।
क्या था मामला
नैनीताल जिले के पदमपुरी और खुटानी में सड़क किनारे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को लेकर दिल्ली निवासी प्रभात गांधी ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि पदमपुरी और खुटानी में राजमार्ग के किनारे सरकारी और वन भूमि पर अतिक्रमण कर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाए गए हैं। यहां तक कि मंदिर भी बनाए गए हैं। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस पत्र पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की।