कोरोना महामारी के बीच भारत में टिड्डी दलों का प्रकोप (Locust Attack) लगातार बढ़ता ही जा रहा है। मौसम में गरमी के प्रकोप से इनका हमला और तेज हो गया है। पड़ोसी राज्यों में इस दल के बढ़ते खतरे को मद्देनजर रखते हुए फसलों की सुरक्षा को लेकर अब प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया है। बता दें कि कोरोना वायरस के बाद देश में यह दूसरी सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने टिड्डी दल के हमले से फसलों के बचाव को लेकर तैयारियों की समीक्षा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि टिड्डियों की रोकथाम के लिए सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में क्लोरोपाइरीफोस, लैंबड़ा, साईहैलोथरीन दवा उपलब्ध कराई जाए। आपको बता दें कई राज्यों में हजारों की संख्या में टिड्डी दल फसलों को चट करते जा रहे हैं। जिन प्रदेशों में टिड्डियों का दल पहुंच रहा है वहां खेतों में खड़ी हजारों एकड़ फसल खराब हो जा रही है। अबतक देश के 6 राज्यों में इसका हमला हो चुका है।
Locust Attack: आखिर कैसे पहुंचाता है ये दल फसलों के नुकसान
आपको बता दें कि टिड्डी का वजन महज 2 ग्राम और खाती भी इतना ही है। लेकिन, जब यही टिड्डी लाखों-करोड़ों की तादाद में झुंड बनाकर हमला कर दे, तो चंद मिनटों में ही पूरी की पूरी फसल बर्बाद कर सकती है। फसलों को बर्बाद करने वाली टिड्डों की ये प्रजाति रेगिस्तानी होती है, जो सुनसान इलाकों में पाई जाती है।