Chamoli Disaster: उत्तराखंड के चमोली जिले में 7 फरवरी को भीषण आपदा आई थी। जिसमें अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी हैज़ जबकि 200 से ज्यादा लोग लापता हैं। उत्तराखंड पुलिस, NDRF, SDRF, ITBP और भारतीय सेना की संयुक्त टीम मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। हालांकि चमोली आपदा आने के पीछे का कारण का अभी तक पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं हो पाया है। वैज्ञानिक अभी इसकी खोजबीन में जुटे हैं।
देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (Wadia institute of Himalayan Geology) के डायरेक्टर कालाचंद सैन ने बताया कि हमारे वैज्ञानिकों की टीम ने घटनास्थल से सैंपल जमा कर लिए है।
एएनआई के ट्वीट के अनुसार, वाडिया इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर ने बताया कि हमारे वैज्ञानिकों ने निरक्षण के दौरान पाया कि 5600 मीटर की ऊंचाई से एक चट्टान गिरी थी। जिस वजह से ग्लेशियर के नीचे का सपोर्ट हट गया और वह भी टूटकर नीचे गिर गया। उस क्षेत्र में काफी तीखी ढलान है। विशाल चट्टान और उसके ऊपर का ग्लेशियर का टुकड़ा ढलान में लुढ़कते हुए अपने साथ पेड़-पौधे और मिट्टी भी बहा ले आए।
फिलहाल, दोपहर में ऋषिगंगा मे पानी बढ़ने से तपोवन मे रेस्क्यू अभियान बंद किया गया है। पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत सिंह चौहान ने नदी के आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि घबराएं नहीं, सतर्क रहें।