Ankita Bhandari: पोस्टमार्टम में शामिल डॉक्टर ने दर्ज कराए बयान, जानिए कैसे हुई थी अंकिता भंडारी की मौत

Ankita Bhandari: कोटद्वार अदालत में चल रहे चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के सत्र परीक्षण में शुक्रवार 4 अगस्त को सुनवाई हुई।  पोस्टमार्टम करने वाली एम्स ऋषिकेश के डाॅक्टरों के पैनल में शामिल दूसरे डॉ. आशीष रमेश भूते के बयान दर्ज हुए। एम्स डॉक्टर ने कहा कि मृतका के शरीर पर आई चोटें मौत से पहले की हैं, जो उसे जबरन धक्का देने के कारण आई हैं।

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बता दें, कोटद्वार की अदालत में चल रहे अंकिता भंडारी हत्याकांड के सत्र परीक्षण में शुक्रवार 4 अगस्त को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पोस्टमार्टम करने वाली एम्स ऋषिकेश के डाॅक्टरों के पैनल में शामिल एम्स के फॉरेंसिक विभाग में सेवारत डॉ. आशीष रमेश भूते के बयान दर्ज हुए। आशीष भूते ने अदालत में दिए अपने बयानों में कहा कि उनकी राय में अंकिता की मौत पानी में डूबने के कारण हुई है और मृतका के शरीर पर आई चोटें भी मौत से पहले की हैं, जो उसे जबरन धक्का देने के कारण आई हैं। साथ ही भूते ने अदालत को बताया कि परीक्षण के दौरान उन्हें मृतका के साथ जबरन लैंगिक हमले का साक्ष्य नहीं मिला है। इसके बावजूद लैंगिक हमले की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। उसके लिए डीएनए सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं।

क्या था मामला

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अंकिता भंडारी वनंतारा रिसॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट थीं। अंकिता को आखिरी बार पुलकित आर्य के साथ रिसॉर्ट में 18 सितंबर 2022 को देखा गया था, जबकि उनका शव छह दिन बाद 24 सितंबर को चिल्ला पावर हाउस के पास शक्ति नहर से पुलिस ने बरामद किया था। इस दौरान मुख्य आरोपी पुलकित ने खुद को साफ दिखाने के लिए राजस्व पुलिस में अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। अंकिता के परिवार वालों का आरोप था कि इस मामले में राजस्व पुलिस पहले हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और फिर बाद में 22 सितंबर को इस मामले को नियमित पुलिस के हवाले किया गया था। फिलहाल तब से लेकर अभी तक यह मामला कोर्ट में चल रहा है।

वहीं बता दें, अंकिता हत्याकांड को करीब 11 महीने का समय हो गया है और कोर्ट में चल रहे इस केस पर अंकिता के माता-पिता लगातार सरकारी वकील को हटाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने सरकारी वकील पर केस को कमजोर करने, बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने, मामले में सरकारी वकील द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने अभियोजक जितेंद्र रावत को हटाकर केस की पैरवी पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी को सौंपी।

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