Kailash Mansarovar Yatra :कैलाश मानसरोवर यात्रा अब एक हफ्ते में कर सकेंगे पूरी…

Kailash Mansarovar Yatra 2020

Kailash Mansarovar Yatra : कैलाश मानसरोवर यात्रा जो अब तक सबसे मुश्किल यात्राओं में से एक मानी जाती थी। लेकिन चीन सीमा तक सड़क मार्ग बनने से ये प्रसिद्ध यात्रा अब सुगम हो जाएगी। इस यात्रा में पहले जहां 21 दिन लगते थे अब वहीं इसे हफ्ते भर में पूरा कर पाएंगे श्रद्धालु। अब तक सभी यात्रियों को बेस कैंप धारचूला से लगभग 80 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती थी। इस दौरान यात्रियों को जोखिम भरी इस यात्रा में कठिन और दुर्गम स्थानों से होकर गुजरना पड़ता था।वहीं यात्रियों को पहली शाम आधार शिविर में बितानी पड़ती थी। इसके बाद मांगती, गाला, बूंदी, गुंजी और नाभीढांग के पड़ावों में रुकना पड़ता था।

Kailash Mansarovar Yatra: यात्रा लोगों के लिए सुगम हो जाएगी

सीमांत तक सड़क बनने से अब कैलाश यात्री दिल्ली से सीधे लिपुलेख पहुंच सकेंगे।वहीं इस सड़क के बनने से अब तक कठिन मानी जाने वाली ये यात्रा लोगों के लिए सुगम हो जाएगी। इसके अलावा छोटा कैलाश की यात्रा भी सुगम होगी।छोटा कैलाश के यात्री गुंजी, कुटी और जौलिंगकांग तक गाडियों से पहुंच सकेंगे। इस सीमांत सड़क के बनने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीआरओ की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अद्भुत और प्रशंसनीय है कि सीमा सड़क संगठन ने इस कठिन कार्य को पूरा किया। उन्होंने यह भी कहा कि कैलाश मानसरोवर ( Kailash Mansarovar Yatra) जाने वाले तीर्थयात्रियों की बड़ी मुश्किल अब आसान हो गई है। अब वे एक सप्ताह में तीन सप्ताह की यात्रा पूरी कर सकेंगे। स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों का दशकों पुराना सपना सच हो गया है। “

इसके साथ ही, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के सांसद अजय टम्टा, जो कि घट्टाबगढ़-लिपुलेख सड़क के ऑनलाइन उद्घाटन में मौजूद थे, उन्होंने रक्षा मंत्री के सामने चीन सीमा के लिए मुनस्यारी से बन रही धापा-बोगड्यार-मिलम मार्ग का मामला भी उठाया। इस पर उन्होंने कहा कि मार्च 2021 तक इस सड़क का निर्माण भी पूरा हो जाएगा।

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