ग्रामीण क्षेत्रों में, कुछ लोग आज भी अंधविश्वास (Blind Faith) के चंगुल से नहीं निकल पा रहे हैं। जशपुर जिले के कोतबा क्षेत्र में इसी तरह की अनदेखी का मामला सामने आया जब पता चला कि वज्रपात (बिजली गिरने) से घायल एक महिला को इलाज के बजाय गोबर से लीप दिया गया। हालांकि, बाद में उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
Blind Faith : गोबर की ठंडक से राहत मिलती है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कुमारी जयसिला सेठी (20) शुक्रवार दोपहर को फरसाबहार तहसील के एक गांव में घर के बरामदे में बैठी थी। इस दौरान बारिश के साथ तेज आंधी चलने लगी, जिसके बाद बिजली गिरने से वह झुलस गई जिसके बाद परिवार ने उसे घर के पास गोबर के ढेर में डाल दिया। नासमझ ग्रामीणों का तर्क था कि इस तरह की दुर्घटना में झुलसे लोगों को गोबर की ठंडक से राहत मिलती है और इसमे मौजूद तत्व से बिजली से झुलसे किसी व्यक्ती को बचाया जाता है।
गांव के कुछ शिक्षित लोगों ने वायरस के प्रकोप में घायलों का इलाज करने की कोशिश की, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आई है । अधिकारियों ने एंबुलेंस भेजने का आश्वासन दिया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। लगभग एक घंटे के बाद, महिला को क्षेत्रीय चिकित्सा अधिकारी ने अपने निजी वाहन से प्राथमिक उप-स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है।