क्वॉरेंटाइन सेंटर में एक पेटूराम 40 रोटियां, 80 लिट्टीयां खा गया, लोग कर रहे हैं त्राहिमाम

Bihar: A Migrant in quarantine center eats 80 litti, 40 rotis and 10 plates rice a day

लॉक डाउन के दौरान क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले लोगों को दिक्कतें हो रही हैं यह बात तो आपने सुनी होगी, लेकिन क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे एक युवक की वजह से आला अफसर और रसोइयों को दिक्कत शायद आप पहली बार सुन रहे होंगे। जी हां, बिहार के बक्सर में एक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले एक युवक ने सबको परेशान कर दिया है। एक तरफ लोग उसकी आदतों को देखकर हैरान हैं, वहीं क्वॉरेंटाइन सेंटर में रसोइया परेशान हैं। युवक की भूख ने सभी को हैरानी में डाला हुआ है, जिससे वहां रहने वाले लोगों और खाना बनाने वाला रसोइया को बहुत कठिनाई हो रही है। अब युवक के लिए भोजन की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो गया है।

अकेले 10 लोगों का खाना खा जाता है

  युवक की खुराक ऐसी है कि देखने वाले सभी लोग वाले हैरान हैं। वह अकेले दस लोगों को खाना आराम से खा जाता है।उसके नाश्ते की खुराक में 40 रोटियां और चावल की कई प्लेटें होती हैं। वह एक समय में 80 लिट्टी खा जाता है, लेकिन फिर भी उसका पेट नहीं भरता है। दरअसल, इस युवक का नाम अनूप ओझा है, जो इस समय बक्सर जिले के मंजवारी क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा है और उसे आज क्वारंटाइन सेंटर से घर जाने के लिए कहा जाएगा।

80 लिट्टी खाने के बाद भी नहीं भरता पेट

  क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले लोगों का कहना है कि कुछ दिनों पहले भोजन में लिट्टी थी। 80 लिट्टी खाने के बाद भी अनूप का पेट नहीं भरा था। इसे देखकर हम सब हैरान थे। दरअसल अनूप की भूख ऐसी है कि ये दस लोगों का खाना अकेले ही चट कर जाता है। अनूप खुद कहते हैं कि वह 30-32 रोटियों के साथ नाश्ता करते हैं, फिर भी पेट खाली लगता है।

अधिकारी से लेकर रसोइया तक परेशान हैं

  इसकी खुराक से ब्लॉक के अधिकारी भी हैरान और परेशान हैं। जब इस संगरोध केंद्र में खाद्य पदार्थ समाप्त होने लगे, तो अधिकारियों ने इसका कारण पूछा। तब बताया गया कि एक पेटू केंद्र में आया है जो सब कुछ खा जाता है। जब अधिकारी विश्वास नहीं हुआ, तो ब्लॉक के अधिकारी एक दिन ठीक भोजन के वक्त क्वॉरेंटाइन सेंटर में पहुँच गए। जब उन्होंने अपनी आँखों से अनूप की खुराक देखी, तो वह हैरान रह गया।

सिमरी के बीडीओ अजय कुमार सिंह ने बताया कि अनूप नाश्ते में 40 रोटियां खाते हैं। खाना बनाने वाला भी अनूप के लिए रोटी बनाने से मना कर देता है। उसे इतनी रोटी बनाने में परेशानी हो रही है।

  खरहा टांड़ पंचायत का 23 वर्षीय युवक अनूप ओझा वर्तमान में मंझवारी गांव में एक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहा है। वह राजस्थान से घर लौटा है, और 14 दिनों के लिए यहां उसे एक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है। जब गुरुवार को उसका क्वॉरेंटाइन समय पूरा हो जाएगा, तो उसे घर भेज दिया जाएगा, तब यहाँ के लोग राहत की सांस लेंगे।

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