कोरोना वायरस (Coronavirus) देश में अपना केहर बरपा रहा है। इस वायरस का फैलाव रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जिससे उत्तराखंड भी अछूता नहीं रहा है। जिसके चलते चार-धाम के इतिहास में पहली बार देवभूमि उत्तराखंड के केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर(Badrinath – Kedarnath Temple) के कपाट खुलने की तिथि में बदलाव किया गया है। इस पर खुद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने खुलासा करते हुए सोमवार को अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो जारी किया है। बता दें कि इससे पहले 29 अप्रैल को केदारनाथ और 30 अप्रैल को बद्रीनाथ के कपाट खुलने तय हुए थे।
20 अप्रैल, सोमवार को टिहरी महाराज मनुजेंद्र शाह के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मीटिंग में बद्रीनाथ धाम की तिथि बदलने का फैसला लिया गया है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बताया, ‘भगवान बद्रीनाथ के कपाट 15 मई 2020 को प्रातः 4:30 बजे खोले जाएंगे और गाडू घड़ा परंपरा के लिए तिल का तेल निकालने के लिए 5 मई 2020 की तिथि तय की गई है। वहीं केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि मंगलवार सुबह 11:00 बजे केदारनाथ के रावल ब्राह्मणों के साथ मिलकर तय करेंगे।’ नई तिथियों पर बद्रीनाथ के कपाट खोले जाने का यह फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में बदरीनाथ और केदारनाथ के संबंध में की गई बैठक में हुआ।
लोकडाॅउन की वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए भगवान बद्रीविशाल जी के कपाट खुलने की तिथि में संशोधन किया है।15 मई को प्रातः 04:30 बजे भगवान बद्रीविशाल के कपाट खोले जाऐंगे। इस अवधि के दौरान बद्रीनाथ के रावल भी… https://t.co/skgEexzNZI
— Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) April 20, 2020
आखिर क्यों बढ़ाई गई कपाट खुलने की तिथि
आपको बता दें कि कोरोना के चलते देशभर में लॉकडाउन होने के कारण केदारनाथ बद्रीनाथ के रावल महाराष्ट्र और केरल में फंसे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग रविवार सुबह ऊखीमठ पहुंच गए हैं। और बद्रीनाथ के रावल भी सोमवार को उत्तराखंड लौटने वाले हैं। लेकिन नियमों के मुताबिक उन्हें 14 दिन क्वारैंटाइन (quarantine) किया जाना है। जिसके चलते तय तारीख पर कपाट नहीं खोले जा सकते हैं। वही चारों धामों में से गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट पहले से ही तय तिथि 26 अप्रैल को खोले जाएंगे।