Narendra Singh Negi: भारतीय सेना के पराक्रम के किस्से वैसे तो दुनियाभर में मशहूर हैं। उन्हीं में से एक साल 1999 का करगिल युद्ध (Kargil War) भी है। ये युद्ध भारतीय जवानों ने -10 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बिच करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा था। ये युद्ध करीब २ महीने तक चला था। भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध में अपने शौर्य और पराक्रम से पाकिस्तानी फौजियों को खदेड़ दिया था और दुर्गम चोटियों पर तिरंगा फहराया था। 26 जुलाई 1999 को ये युद्ध का खत्म हुआ था, इसलिए हर साल 26 जुलाई को ‘करगिल विजय दिवस’ (Kargil Vijay Diwas) के तौर पर मनाया जाता है।
गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी का रचना संसार अत्यंत विस्तृत एवं विविधता से परिपूर्ण है। इनके गीतों को उत्तराखंड सहित देश-विदेशों तक सुना जाता है। वास्तविकता में विश्वास रखने वाले गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी हमेशा उत्तराखंड के चलित मुद्दों पर रचनाएं करते हैं। नेगी जी के गीत पहाड़ी जनमानस के रग-रग में बसे हुए हैं । इन्होंने अपने गीतों का एक-एक आंखर(अक्षर) पहाड़ के जनमानस की दुखती रगों से टीपा है। उनके गीत गढ़वाली लोक जीवन के चलते-फिरते चित्र हैं। पहाड़ों के दुखों को कहीं एक साथ देखना है, तो गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी की रचनाओं को सुनें । इनके गीतों में उनकी पर्यावरणीय चिंता के साथ-साथ स्वदेशाभिमान झलकता है, और यही कारण है कि आदरणीय नेगी जी उत्तराखड के लोगों के दिलों के इतने करीब हैं।
दरअसल, आज कारगिल विजय दिवस के इस ख़ास अवसर पर गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में नरेंद्र सिंह जी हारमोनियम बजाते हुए शहीदों के दर्द को को व्यक्त कर रहे हैं। गीत में नेगी जी देश सेवा में गए उन तमाम माताओं के लालों का दुःख बयां कर रहे हैं, जो देश की रक्षा के लिए सीमा में तैनात हैं। या वीर गति को प्राप्त हो गए। इस दर्द भरे गीत की नेगी जी ने चंद लाइने भी लोगों के बीच साझा की –
पैली त्वे चिट्ठी मिललि कि तार माँजी बोली नि सकदू मी
देश रक्षा की कसम खईं कसम तोड़ी नी सकदु मी
तिरंगा कफन मिलू ये आखिरी ख़्वेश चा माँ उदास ना ह्वे तू
यखुली नि छे तू तेरा दगड़ा सैरो देश चा माँ उदास ना ह्वे तू …
नरेंद्र सिंह नेगी के वीडियो गीत को सुनने के बाद उनके प्रशंषकों की आँखे भर आई। जिसके बाद उनकी वीडियो पर प्रशंषक शानदार प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं। देखें

कारगिल में वीर गति को प्राप्त हुए जांबाज सैनिकों पर गढ़रत्न नेगी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखते हैं “सब्बि देशवासियों थें देश वीरता, शौर्य और बलिदान का प्रतीक कारगिल विजय दिवस की हार्दिक बधे एवं शुभकामना।देश की रक्षा का खातिर जौं शहीदों अपड़ा प्राणों की आहुति दिनी ऊँ अमर शहीदों थें अर उंका परिवार थें सत-सत नमन।”