Cymbidium lentifolium:1761 मीटर की ऊंचाई पर पौध अन्वेषण सर्वे के दौरान दुर्लभ प्रजाति का फूल। बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, देहरादून के संयुक्त निदेशक ने प्रजाति की पहचान में मदद की। इस खोज को जर्नल 'द इंडियन फॉरेस्टर' में प्रकाशित किया गया है। यह प्रजाति केवल उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों और भूटान में ही पायी गई थी। वन अनुसंधान केंद्र, हल्द्वानी की टीम ने पश्चिमी हिमालय ऐप पर पढ़ें दुर्लभ ऑर्किड सिंबिडियम लेंसिफोलियम को खोज निकाला है। अभी तक सिंबिडियम लेंसिफोलियम को सिर्फ भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों और भूटान में ही पाया गया था। पौध अन्वेषण सर्वे के दौरान सिंबिडियम लेंसिफोलियम की दुलर्भ प्रजाति मिली। जिसकी पहचान में मदद बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, देहरादून के संयुक्त निदेशक डॉ. एसके सिंह ने की। संजीव चतुर्वेदी, मुख्य वन संरक्षकवन अनुसंधान केन्द्र, हल्द्वानी ने बताया कि "ऑर्किड सिंबिडियम लेंसिफोलियम की खोज एक बार फिर उत्तराखंड की समृद्ध जैव विविधता और इन दुर्लभ सुंदर प्रजातियों के संरक्षण के प्रयासों को दिखाती है। हमारी कोशिश है कि दुर्लभ प्रजातियों को न केवल बचाया जाए बल्कि इनके होने के महत्व को प्रसारित भी किया जाए।" पौध अन्वेषण सर्वे के जूनियर रिसर्च फेलो मनोज सिंह ने बताया, "चमोली जिले की चोपता घाटी व आसपास (1761 मीटर की ऊंचाई पर) पौध अन्वेषण सर्वे के दौरान सिंबिडियम लेंसिफोलियम मिला। बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, देहरादून के संयुक्त निदेशक डॉ. एसके सिंह ने प्रजाति की पहचान में मदद की। इस खोज को भारत के प्रतिष्ठित जर्नल 'द इंडियन फॉरेस्टर' में प्रकाशित किया गया है।" वहीं जूनियर रिसर्च ज्योति प्रकाश जोशी ने बताया कि "भारत में सिबिडियम की अब तक लगभग 29 प्रजातियां पाई गई हैं। इनमें से आठ पहले पश्चिमी हिमालय से रिपोर्ट की गई थीं।" पर्यावरण के ज़्यादातर जानकार मानते हैं कि धरती 'छठी व्यापक' विलुप्ति के दौर से गुज़र रही है। एक अनुमान के अनुसार जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की क़रीब 150 से 200 प्रजातियां हर रोज़ विलुप्त हो रही हैं और ये दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके लिए सबसे ज़्यादा इंसानी गतिविधियां ज़िम्मेदार हैं। इन हालात में ज़रूरी है कि इस जीव जगत को बचाने की ठोस कोशिशें की जाएं।
