सरकारी अस्पताल में स्टॉफ की कमी से इलाज में लापरवाही से जूझ रही यमुना घाटी, हुई दर्दनाक मौत

उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले के बड़कोट स्थित सरकारी अस्पताल में स्टॉफ की कमी के कारण इलाज में लापरवाही से आम जनमानस को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।

यह अस्पताल लगभग 50 से भी अधिक गांव का एक मात्र सहारा है। रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए दूर-दूर के गांवों से अस्पताल पहुंच रहे हैं। लेकिन स्टॉफ की कमी से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

यहां अस्पताल के नाम पर बिल्डिंग तो है परंतु पर्याप्त स्टॉफ नहीं है। जहां ECG मशीन तो हैं, परंतु उसका ऑपरेटर नहीं है और स्टॉफ की कमी के चलते मरीजों को प्राथमिक उपचार के लिए सीधे देहरादून के लिए रेफर किया जाता है। जहां पहुंचने में 4 से 5 घंटे का समय लगता है।

स्टाफ की कमी के कारण दिल के दौरे पढ़ने से हुई मरीज की मौत

हाल ही में दिनांक 14 नवंबर को ग्राम चक्र गांव निवासी जमोत्री देवी को दिल का दौरा पड़ा था। जिन्हें अस्पताल पहुंचने पर पता चलता है कि वहां ECG मशीन तो है, लेकिन उसे चलाने वाला नहीं और तो और ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, लेकिन मरीज के लिए नहीं। यहां तक की एंबुलेंस की सुविधा भी समय पर उपलब्ध नहीं हो पाई। जिसके चलते मरीज को अस्पताल में ही दम तोड़ना पड़ा।

अस्पताल में स्टॉफ की संख्या बढ़ाई जाए

स्थानीय लोगों ने बताया की यमुना घाटी के ना जाने कितने लोग इस चीज का शिकार हो चुके हैं। अगर उचित समय पर इस पर कदम नहीं उठाया गया तो न जाने कितने लोग इसका शिकार बनते चलें जाएंगे। साथ ही स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया की समय रहते अस्पताल में स्टॉफ की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि यहां इलाज कराने आने वाले लोगों को समय पर इलाज मिल सके।

~ यमुना घाटी से स्थानीय निवासी आँचल राणा की रिपोर्ट

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