Chamoli Accident: नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में बने जिन 18 सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) का जिम्मा ज्वाइंट वेंचर कंपनी के पास था। लेकीन अब कंपनी से सभी अनुबंध निरस्त कर दिए गए हैं। जिसका जिम्मा अब जल संस्थान और पेयजल निगम को मिला।
चमोली एसटीपी हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच में इस कंपनी को दोषी ठहराते हुए उसके अनुबंध निरस्त करने और उसे काली सूची में डालने की संंस्तुति की गई है। बता दें नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में बने जिन 18 सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) का जिम्मा ज्वाइंट वेंचर कंपनी (जयभूषण मलिक कांट्रेक्टर्स, पटियाला और कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि., कोयंबटूर) के पास था।
बीते 19 जुलाई को सीवेज प्लांट में फैले करंट से 16 व्यक्तियों की मौत हो गई थी, जबकि 12 झुलस गए थे। कंपनी द्वारा लापरवाही बरते जाने के कारण सभी अनुबंध निरस्त कर दिए गए हैं। वहीं हादसे के बाद कंपनी की 1.10 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जब्त की गई। यह राशि पेयजल निगम के खाते में आ चुकी है।
सचिव पेयजल अरविंद ह्यांकी ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि जल संस्थान व पेयजल निगम द्वारा इन एसटीपी में व्याप्त कमियों को दूर कराया जा रहा है। चमोली एसटीपी का संचालन शुरू करने में सप्ताह भर का समय लगेगा, जबकि शेष का संचालन दो-तीन दिन में प्रारंभ कर दिया जाएगा।
बता दें इस कंपनी के पास 15 साल के लिए चमोली, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग व रुद्रप्रयाग के 18 एसटीपी के संचालन का जिम्मा था। इनमें 11 एसटीपी जल संस्थान को हस्तांतरित हो चुके हैं, जबकि सात पेयजल निगम के पास हैं। दोनों विभागों ने कंपनी से अनुबंध किया था।