हमेशा गुमनामी में जीते थे UTTARAKHAND के TREE MAN  'विश्वेश्वर दत्त सकलानी'

पढ़ने के लिए Swipe करें 

Arrow

वृक्ष मानव नाम से मशहूर 'विश्वेश्वर दत्त सकलानी', जिन्होंने अकेले ही 50 लाख से अधिक पेड़ लगाए

इनका जन्म 2 जून 1922 को टिहरी जिले के 'पुजार गांव' में हुआ 

इन्होने आठ साल की उम्र से ही पेड़ लगाना शुरू कर दिया था

विश्वेश्वर दत्त ने अपने जीवनकाल में 50 लाख से अधिक पेड़ लगाए

इनका आदर्श वाक्य था,''वृक्ष मेरे माता-पिता, वृक्ष मेरी संतान, वृक्ष मेरे संगी साथी'' 

सकलानी के लिये वृक्ष ही जीवन, मित्र, और पहला प्यार थे

'राजीव गाँधी' के द्वारा उन्हें 6 नवम्बर 1986 में 'इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र पुरस्कार'  से सम्मानित किया गया 

आठ साल की उम्र से 96 साल की उम्र तक पेड़ों से दोस्ती की डोर को उन्होंने पूरे मन से निभाया

वृक्षमित्र की समाधि पर एक वृक्ष लगाया गया, जो उनकी अंतिम इच्छा थी