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भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुआ था
वे बिहार के कुंडग्राम (वर्तमान में कुंडलपुर) में जन्मे थे
जन्म के समय उनका नाम वर्धमान रखा गया था
30 वर्ष की आयु में उन्होंने राजसी जीवन छोड़कर आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में संन्यास लिया
अहिंसा (non-violence), सत्य (truth), अचौर्य (non-stealing), ब्रह्मचर्य (celibacy), और अपरिग्रह (non-possession) उनके प्रमुख उपदेश थे
इस दिन जैन मंदिरों में अभिषेक, प्रार्थना, और रथ यात्रा का आयोजन होता है
भक्तगण गरीबों को भोजन और कपड़े दान करते हैं, जो करुणा और अहिंसा के सिद्धांतों का प्रतीक है