जानिए पहली गढ़वाली फीचर फिल्म की अनसुनी कहानी

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देश की तुलना में देखें तो उत्तराखंडी सिनेमा जगत का सूर्योदय 1980 के दशक में हुआ

'जग्वाल' उत्तराखंड फिल्म जगत की पहली फिल्म थी

जिसके निर्देशक पराशर गौड है

‘जग्वाल’ शब्द का अर्थ है लम्बे समय का इंतज़ार

‘जग्वाल’ एक युवा महिला इंदु की कहानी है, जिसकी शादी के दिन दूल्हे को जेल हो जाती है 

पति को हुई दस साल की जेल में इंदु रोज लालटेन (लैंप) लेकर इंतजार करती है 

 इस फिल्म का उत्साह लोगों के बीच इस कदर था कि टिकट हॉल के बाहर टिकट ब्लैक हो रही थी

मात्र 28 दिनों में जग्वाल फ़िल्म की शूटिंग पूरी हुई

लेकिन वर्तमान में गढ़वाली फ़िल्में अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है