बहादुरी और बलिदान की कहानी, KARGIL WAR

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26 जुलाई को 'कारगिल युद्ध' के 24 साल पूरे हो जाएँगे

जैसा कि हम सभी को मालूम है कि कारगिल के युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान की तरफ से की गयी थी

3 मई साल 1999 को कश्मीर के कारगिल जिले में ऊँची पहाड़ियों के ऊपर पाकिस्तान ने अपने 5000 सैनिकों के साथ चोरों की तरह घुसपैठ करके वहाँ पर कब्जा जमा लिया

इस बात की खबर जब भारत सरकार को मिली तो भारत सरकार ने अपने शूरवीर सिपाहियों के साथ मिलकर ''ऑपरेशन विजय” चलाया

ये युद्ध करीब 18000 फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ा गया और लगभग 2 महीने तक चला था

जिसमें भारतीय सेना के योद्धाओं ने बड़े हीं साहस और पराक्रम के साथ युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटाई 

26 जुलाई 1999 को कारगिल से मार भगाया और युद्ध में जीत हासिल की

पाकिस्तान के खिलाफ इस युद्ध में भारत के लगभग 527 से भी ज्यादा सैनिक शहीद हो गए थे, और 1300 से भी अधिक सैनिक बुरी तरह से जख्मी हुए थे

कारगिल विजय के बाद इस दिन को तत्कालीन प्रधानमंत्री 'अटल बिहारी बाजपेयी' के द्वारा 'विजय दिवस' के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई थी