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'हर्षद मेहता' बैंकिंग सिस्टम का फायदा उठाकर उनसे लोन लेकर उनके पैसे शेयर मार्केट में लगा देता था , साल 1992 में उन्होंने करीब 5000 करोड़ रुपए का घोटाला किया
वहीं 1995 में करीब 1600 करोड़ रुपए के जूता घोटाले में, 'दाऊद शूज़' के 'सोहिन दया', 'मेट्रो शूज़' के 'रफीक तेजानी' और 'मिलानो शूज़' के 'किशोर सिग्नापुरकर' को करोड़ों डॉलर के ऋण लेने के संदेह में हिरासत में लिया गया था
बता करें साल 2003 स्टाम्प पेपर घोटाले की तो 'अब्दुल करीम तेलगी' द्वारा किया गया ये घोटाला 16000 करोड़ का था, जिसने देश को हिला कर रख दिया था
'सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज' के संस्थापक 'आर राजू' के बही-खाते में हेरफेर करने और कई साल तक लाभ को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने की बात स्वीकार करने के साथ 7,800 करोड़ रुपये का घोटाला जनवरी, 2009 में सामने आया था
पूर्व दूर संचार मंत्री 'ऐ राजा' पर आरोप था कि उन्होंने साल 2001 में तय की गई दरों पर स्पेक्ट्रम बेच दिया जिसमें उनकी पसंदीदा कंपनियों को तरजीह दी गई, ये घोटाला करीब 1,76,000 करोड़ का था
'ललित मोदी' ने साल 2010 में मॉरिशस की कंपनी 'वर्ल्ड स्पोर्ट्स' को आईपीएल का 425 करोड़ का ठेका दिया, आरोप है की ललित मोदी ने इस में से 125 करोड़ का कमीशन लिया