उत्तराखंड में घी के सेवन की महत्वपूर्ण परंपरा और उसके लाभ 

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ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन घी का सेवन नहीं करता , वो अगले जन्म में 'घोंघे' के रूप में जन्म लेता है

 जी हाँ , हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के एक ऐसे पारम्परिक त्यौहार की जो फसल कटाई के मौसम की शुरुआत और बहुतायत के लिए व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है

ये त्योहार भादो महीने के पहले दिन मनाया जाता है, जब ग्रहों के राजा सूर्य,  'कर्क' राशि से निकलकर 'सिंह' राशि में प्रवेश करते हैं

देवभूमि उत्तराखंड के इस प्रसिद्ध लोकपर्व को 'घी संक्रांति', 'घ्यूँ संक्रांति, सिंह संक्रांति भी कहते हैं 

कहते हैं इस दिन घी का सेवन करना शुभ होता है

इससे बुद्धि तेज होती है और सेहत भी अच्छी रहती  है

घी के उपयोग के कारण ही इस दिन को 'घी संक्रांति' के नाम से जाना जाता है