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रॉयल एनफील्ड बाइक्स भारत में 1949 से बेची जा रही थीं. तब यह बाइक ब्रिटेन से इम्पोर्ट होकर देश में आती थी, इसलिए इनकी कीमत बहुत ज्यादा थी
1955 में भारतीय सरकार ने देश की सीमा पर गश्त के लिए अपने पुलिस बलों और सेना के लिए मोटरसाइकिल की तलाश शुरू की थी
बुलेट 350 को इस काम के लिए सबसे उपयोगी बाइक के रूप में चुना गया था, भारत सरकार ने इन 350 सीसी मोटरसाइकिलों की 800 यूनिट का ऑर्डर दिया
ये उस समय के हिसाब से रॉयल एनफील्ड के लिए बहुत बड़ा ऑर्डर था, इस प्रकार 1955 में भारत के लिए रास्ता तैयार हुआ था
भारत में इन बाइक्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए रॉयल एनफील्ड ने देश की कंपनी मद्रास मोटर्स से मिला और एनफील्ड इंडिया नाम की कंपनी बनाई
एनफील्ड इंडिया में मद्रास मोटर्स के पास कंपनी के अधिकांश शेयर यानी 50% से ज्यादा हिस्सेदारी थी, रॉयल एनफील्ड ने नई कंपनी को मशीन भी उपलब्ध कराई थीं
इस तरह रॉयल एनफील्ड ब्रिटेन से भारत आई और शुरुआत में बाइक का निर्माण सेना और पुलिस के लिए किया गया था, इनकी कीमत भी कम हो गई थी
एनफील्ड इंडिया ने बाद में इन बाइक्स को आम आदमी के लिए उपलब्ध कराया गाय और धीरे-धीरे यह बाइक पॉपुलर होती चली गई