अक्षय तृतीया 2025: शुभ समय, मान्यताएं और परंपराएं

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अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, यानी किसी भी शुभ काम के लिए पंचांग देखने की ज़रूरत नहीं

इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि ये समृद्धि और सुख का प्रतीक है

मान्यता है कि इस दिन जो भी काम किया जाए, उसका फल कई गुना बढ़कर मिलता है

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है

इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है, खासकर जल, अन्न और वस्त्र दान

पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था

ये तिथि वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया को आती है, जो आमतौर पर अप्रैल या मई में पड़ती है