देवभूमि उत्तराखंड का एक लाल के जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद होने की खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुपवाड़ा में उत्तराखंड के यमुना प्रसाद पनेरू बर्फ़ीली पहाड़ियों में अपनी टीम को रेस्क्यू करते वक्त खाई में जा गिरे। उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद से ही उनके परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
दरसअल, शहीद जवान यमुना प्रसाद पनेरू नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक के पदमपुर मीडार के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनका परिवार हल्द्वानी के गोरापड़ाव में रहता है। शहीद जवान यमुना प्रसाद 2001 से कुमाऊँ रेजिमेंट में तैनात थे। बृहस्पतिवार रात को सेना द्वारा जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में उनके शहीद होने की सूचना मिली है।

20 साल तक सेना में अदम्य साहस के बाद सूबेदार यमुना पनेरू ने 37 वर्ष की आयु में देश सेवा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। शहीद जवान की शाहदत की खबर के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। वह अपने पीछे सात साल का बेटा, पांच साल की बेटी, पत्नी और मां छोड़ गए हैं।

शहीद जवान यमुना प्रसाद पनेरू प्रतिभाओं के धनी थे और माउंटेनियरिंग उनका जुनून था। उनके भाई भुवन पनेरू ने बताया कि 2001 में सेना में भर्ती हुए सूबेदार यमुना प्रसाद ने साल 2012 में एवरेस्ट फतह किया था। साथ ही उन्होंने नंदादेवी शिखर और छोटे कैलाश को भी छुआ था।
WeUttarakhand की न्यूज़ पाएं अब Telegram पर - यहां CLICK कर Subscribe करें (आप हमारे साथ फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर जुड़ सकते हैं)