देवभूमि उत्तराखंड का लाल जम्मू कश्मीर में हुआ शहीद, पीछे छोड़ गया 5 साल की बेटी और 7 साल का बेटा

Uttarakhand Jawaan Yamuna Prasad Paneru martyred in Kupwara Jammu Kashmir

देवभूमि उत्तराखंड का एक लाल के जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद होने की खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुपवाड़ा में उत्तराखंड के यमुना प्रसाद पनेरू बर्फ़ीली पहाड़ियों में अपनी टीम को रेस्क्यू करते वक्त खाई में जा गिरे। उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद से ही उनके परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

दरसअल, शहीद जवान यमुना प्रसाद पनेरू नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक के पदमपुर मीडार के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनका परिवार हल्द्वानी के गोरापड़ाव में रहता है। शहीद जवान यमुना प्रसाद 2001 से कुमाऊँ रेजिमेंट में तैनात थे। बृहस्पतिवार रात को सेना द्वारा जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में उनके शहीद होने की सूचना मिली है। 

Yamuna Parsad Paneru martyred in Jammu Kashmir
Martyr Yamuna Parsad Paneru

20 साल तक सेना में अदम्य साहस के बाद सूबेदार यमुना पनेरू ने 37 वर्ष की आयु में देश सेवा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। शहीद जवान की शाहदत की खबर के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। वह अपने पीछे सात साल का बेटा, पांच साल की बेटी, पत्नी और मां छोड़ गए हैं।

Yamuna Parsad Paneru martyred in Jammu Kashmir
Martyr Yamuna Parsad Paneru

शहीद जवान यमुना प्रसाद पनेरू प्रतिभाओं के धनी थे और माउंटेनियरिंग उनका जुनून था। उनके भाई भुवन पनेरू ने बताया कि 2001 में सेना में भर्ती हुए सूबेदार यमुना प्रसाद ने साल 2012 में एवरेस्ट फतह किया था। साथ ही उन्होंने नंदादेवी शिखर और छोटे कैलाश को भी छुआ था।

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