Vaccine : हैदराबाद की डॉ सीमा मिश्रा ने बनाया वायरस का सम्भावित टीका, यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद ने दी अच्छी खबर

Vaccine : यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के जैव रसायन विभाग की एक संकाय सदस्य ने कोरोना वायरस के लिए एक टीका बनाया है। टीके को टी सेल एपिटोप्स कहा जाता है जो नोवल कोरोना वायरस के सभी संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के परीक्षण के लिए है। यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद ने टीके की जानकारी दी।

Vaccine : वायरल पेप्टाइड्स को नुकसान पहुंचाने वाली कोशिकाओं

यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है, “बायोकेमिस्ट्री विभाग के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज की संकाय सदस्य डॉक्टर सीमा मिश्रा ने परीक्षण के लिए  सेल एपिटोप्स नामक संभावित टीके उम्मीदवारों को डिजाइन किया है जो नोवल कोरोनोवायरस (2019-nCoV) के सभी संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के खिलाफ है। ये वैक्सीन छोटे कोरोनवायरल पेप्टाइड्स हैं, जो अणुओं की कोशिकाओं द्वारा उपयोग किया जाता है। इन वायरल पेप्टाइड्स को नुकसान पहुंचाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता तैयार की जा सके। कम्प्यूटेशनल सॉफ्टवेयर के साथ शक्तिशाली इम्यूनोइंफोर्मेटिक्स का उपयोग करते हुए, डॉक्टर सीमा मिश्रा ने इन संभावित एपिटोप्स को इस तरह से डिजाइन किया है कि पूरी आबादी को इसका टीका लगाया जा सकता है।’

विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, “आमतौर पर किसी टीके की खोज में 15 साल लगते हैं, लेकिन शक्तिशाली कम्प्यूटेशनल टूल ने लगभग 10 दिनों में इस वैक्सीन को बनाने में मदद की। वायरस को रोकने के लिए मानव कोशिकाओं द्वारा कितना प्रभाव इस्तेमाल किया जाएगा, इसके आधार पर संभावित टीकों की एक रैंक सूची तैयार की गई है। मानव प्रोटीन पूल में मौजूद किसी भी मैच के साथ इस कोरोनवायरल एपिटोप्स मानव कोशिकाओं पर कोई विपरित असर नहीं डालते हैं इसलिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया वायरल प्रोटीन के खिलाफ होगी न की मानव प्रोटीन के। हालांकि इन परिणामों को निर्णायक रूप प्रदान करने के लिए प्रयोगात्मक रूप से जांच की जानी है। इन परिणामों को तत्काल प्रयोगात्मक कसौटी पर परखने के लिए चेमआरजीव (ChemRxiv) प्रीप्रिंट प्लेटफॉर्म का उपयोग करके वैज्ञानिक समुदाय में प्रसारित किया गया है। एनकोव (nCov) टीका डिजाइन पर ये भारत का पहला ऐसा अध्ययन है जो वायरस द्वारा बनाने ववाले संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों में पूरे कोरोनवायरल प्रोटिओम की खोज करता है।”

आगे लिखा है, “अभी, nCoV संक्रमण को रोकने के लिए सबसे अच्छा बचाव सामाजिक दूरी है। इन कंडीडेट के एपिसोड पर आगे काम करने की आवश्यकता है जिसके कारण टीकाकरण में कुछ समय लगेगा। हमें उम्मीद है कि हमारे कम्प्यूटेशनल निष्कर्ष एक प्रभावी nCoV वैक्सीन की ओर तेजी से प्रयोगात्मक परीक्षणों के लिए एक लागत और समय प्रभावी ढांचा प्रदान करेगा।”

क्या होता है टी सेल एपिटोप्स-

टीके को टी सेल एपिटोप्स कहा जाता है जो नोवल कोरोना वायरस के सभी संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के विरुद्ध परीक्षण के लिए डिज़ाइन किया गया है। वायरस को रोकने के लिए मानव कोशिकाओं द्वारा इन संभावित कैंडिडेट वैक्सीन का प्रभावी इस्तेमाल किया जाएगा। मानव प्रोटीन पूल में मौजूद किसी भी मैच के साथ मिलान न होने के कारण ये कोरोनवायरल एपिटोप्स मानव कोशिकाओं पर कोई विपरित असर नहीं डालते हैं।

भारत मे कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 873-

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या देशभर में बढ़कर 873 हो गई है। यह आंकड़े शनिवार सुबह 9.30 बजे तक के हैं। इनमें से 79 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 19 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 149 नए मामले सामने आए हैं।

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