ऐसी भी क्या ऑनलाइन क्लासेस जिसके लिए बच्चे जंगल में बैठ कर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। वहीं इस वक्त उन बड़े-बड़े टेलीकॉम कंपनियों के ऐड भी याद आते हैं जिनमें ये दावा करते हैं कि दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों तक इनके हाई स्पीड नेटवर्क हैं। हालांकि इनके दावे हर जगह खोखले साबित होते हैं। नेटवर्क समस्या के कारण लॉकडाउन के बीच पढ़ाई सुचारू रूप से चलाने के लिए शुरू की गई ऑनलाइन क्लासेस का लाभ बच्चे नहीं उठा पा रहे हैं। बच्चे पढ़ने के लिए बेहतर नेटवर्क वाले इलाके में जाने के लिए मजबूर हैं।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र की सानिया पलड़िया ने कहा कि वह काठगोदाम के सेंट थेरेसा स्कूल में 11 वीं कक्षा की छात्रा है। सानिया ने बताया कि स्कूल बंद होने के बाद वह निगलाट में अपने घर आ गई हैं। स्कूल ने कोरोना के मद्देनजर ऑनलाइन क्लासेस शुरू की हैं, लेकिन निगलाट में नेटवर्क की कमी से पढ़ाई बाधित हो रही है।
मोबाइल फोन और लैपटॉप पर नेटवर्क के बिना ऑनलाइन क्लासेस लेना संभव नहीं है। इस समस्या से क्षेत्र के 200 से अधिक बच्चे प्रभावित हैं। होमवर्क को करने के लिए निगलाट से चार किलोमीटर दूर भवाली या क्षेत्र के जंगलों में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
सानिया ने कहा कि संबंधित कंपनी के अधिकारियों से नेटवर्क समस्या के समाधान के लिए कहा गया था, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। छात्र किशोर मेहरा, लक्षिता देव, इशिका देव, पार्थ मेहरा ने भी कहा कि उनकी ऑनलाइन पढ़ाई नेटवर्क की कमी के कारण हुई है। सभी से मोबाइल नेटवर्क की समस्या का समाधान करने की अपील की है।