विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि नेपाल द्वारा नया नक्शा जारी करने का मुद्दा, बातचीत से जुड़ी सीमाओं की द्विपक्षीय समझ के विपरीत है। यह एकपक्षीय कार्रवाई है और ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। भारत ने प्रतिक्रिया व्यक्त की इस तरह क्षेत्र में कृत्रिम विस्तार का दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। भारत ने पड़ोसी देश को ऐसी अनुचित मैपिंग से बचने के लिए कहा है। भारत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब नेपाल सरकार ने अपने संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र में लिम्पियाधुरा, लिपुरल और कलापनी का प्रदर्शन किया था।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह का एकतरफा काम ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। यह द्विपक्षीय समझ के विपरीत है, जो राजनयिक वार्ताओं के माध्यम से लंबित सीमा मुद्दों को हल करने की बात करता है। उन्होंने कहा कि भारत इस तरह से कृत्रिम तरीके से क्षेत्र में विस्तार के दावे को स्वीकार नहीं करेगा। अनुराग श्रीवास्तव ने नेपाल से भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के लिए कहा और आशा व्यक्त की कि नेपाली नेतृत्व लंबित सीमा मुद्दे के समाधान के बारे में कूटनीतिक बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल बनाएगा। उन्होंने कहा कि नेपाल इस मामले पर भारत के निरंतर रुख से अवगत है और हम नेपाल सरकार से इस तरह की अनुचित मैपिंग से बचने और उन्हें भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के लिए कहते हैं।