इस समय जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रही है, वहीं चीन ने 23 जनवरी से लॉकडाउन 1.1 करोड़ नागरिकों वाले वुहान शहर में आखिर राहत देनी शुरू कर दी है। कई बड़े अखबारों में लिखा है की लोगों को काम पर जाने की अनुमति दी जा रही है। वहीं सार्वजनिक परिवहन भी शहर में धीरे धीरे शुरू किया जा रहा है।
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के, “चीन के सेंट्रल लीडिंग ग्रुप के प्रमुख ली केकियांग ने बताया कि वुहान में लगातार पांचवें दिन कोई मामला नहीं मिला। साढ़े पांच करोड़ आबादी वाले हुबई प्रांत में 23 जनवरी से यह लॉकडाउन सख्ती से लागू किया गया था। अधिकारियों ने अब भी नए संक्रमण की आशंका जताते हुए स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा को कड़ा रखने के आदेश दिए हैं। चीन में सोमवार को एक भी घरेलू संक्रमण का मामला सामने नहीं आया। यहां 39 मामले दर्ज हुए। सरकार के अनुसार यह सभी विदेशों से यहां आए थे। हालांकि यह नहीं बताया कि वे चीनी नागरिक हैं या विदेशी। वहीं देश में कुल 3270 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। “
चीन, भारत के साथ साझा करेगा अनुभव
चीन में जब कोरोनावायरस का प्रकोप चरम पर था तब भारत ने संकट की उस घड़ी में उन्हें मदद भेजी थी। भारत ने चीन के वुहान में 26 फरवरी को 15 हजार किलो चिकित्सा उत्पाद व उपकरण भेजे थे, जिनमें मास्क, ग्लव्ज आदि प्रमुख थे।चीन ने भारत द्वारा कोरोना वायरस संकट के समय दी गई मदद की सराहना करते हुए कहा कि वह अपने अनुभव हमसे साझा करेगा ताकि संकट को समझ हम कोरोना वायरस से बेहतर ढंग से लड़ सकें।
चीन के विदेश मंत्री के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि भारत से मिले सहयोग के लिए हम उनकी सराहना करते हैं। हम भारत के हालात पर नजर रखे हुए हैं, उनसे अपने अनुभव साझा करते हुए मदद के लिए तैयारी रखी जा रही है।